ABP News Survey: अरविंद केजरीवाल के विपक्षी नेताओं से मिलने की असली वजह क्या लग रही है? सर्वे में लोगों ने दिया ये जवाब
ABP News Cvoter Survey: एबीपी न्यूज़ के लिए सी वोटर ने साप्ताहिक सर्वे किया है. इस ऑल इंडिया सर्वे में 1 हजार 724 लोगों से बात की गई है. इसी हफ्ते ये सर्वे किया गया है.
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Delhi News: आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ (Delhi Ordinance Row) विपक्षी पार्टियों को एकजुट कर उनका समर्थन मांगने में जुटे हुए हैं. वे खुद अगल-अलग दलों के नेताओं से उनके गृह प्रांत की राजधानी में जाकर मुलाकात कर रहे हैं. कांग्रेस के अलावा लगभग सभी बड़े विपक्षी दलों ने AAP का समर्थन करने का भरोसा भी जता दिया है. लेकिन लोगों के मन में ये सवाल है कि लोकसभा चुनाव की तैयारियों के बीच सीएम केजरीवाल द्वारा विपक्ष को एकजुट करने के पीछे कहीं कुछ और वजह तो नहीं?
क्या PM उम्मीदवार बनना चाहते हैं केजरीवाल?
abp न्यूज़ के लिए सी वोटर्स ने ऑल इंडिया में एक साप्ताहिक सर्वे किया है जिसमें इसका जवाब दिया गया है. इस ऑल इंडिया सर्वे (ABP New Cvoter All India Survey) में 1 हजार 724 लोगों से बात की गई है. इसी हफ्ते ये सर्वे किया गया है. इस सर्वे में लोगों से पूछा गया है कि उन्हें सीएम केजरीवाल के विपक्षी नेताओं से मिलने की असली वजह अध्यादेश पर समर्थन लग रही है या वे पीएम उम्मीदवार बनने के लिए ऐसा कर रहे हैं? सर्वे के अनुसार, 43 प्रतिशत लोगों ने ये माना है कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल सिर्फ अध्यादेश पर समर्थन पाने के लिए विपक्ष को एकजुट करना चाह रहे हैं. जबकि 36 प्रतिशत लोगों का कहना है कि अरविंद केजरीवाल, पीएम उम्मीदवार बनने के लिए ऐसा कर रहे हैं. वहीं 21 प्रतिशत लोगों ने इस पर कुछ भी कहने इनकार कर दिया.
हां और ना में सिर्फ 7 प्रतिशत का अंतर
हां और ना में 7 प्रतिशत वोटों का अंतर है. हालांकि दिल्ली में इन दिनों चल रहे सियासी घटनाक्रम पर गौर करें तो आम आदमी पार्टी ने अपना पूरा फोकस बीजेपी से हटाकर कांग्रेस पर कर दिया है. पिछले कुछ दिनों से आप नेता लगातार कांग्रेस पार्टी पर अलग-अलग मुद्दों को लेकर हमला बोल रहे हैं. दोनों की पार्टियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. इसे देखकर लोग 'इकरार से पहले टकरार' करार दे रहे हैं, क्योंकि केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ आम आदमी पार्टी को सिर्फ कांग्रेस का समर्थन मिलने का इंतजार है. लेकिन अभी तक कांग्रेस आलाकमान की तरफ से इस मुद्दे पर सस्पेंस बरकरार है. ये बात अलग है कि आप नेता अलग-अलग तरह से देश की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस को मनाने की कोशिश कर रही है.
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