ABVP ने यूजीसी से की नेट परीक्षा को त्रुटिरहित बनाने की मांग, कहा- 'आंसर की गलत होना दुर्भाग्यपूर्ण'
UGC NET Answer Key: एनटीए द्वारा आयोजित यूजीसी नेट की परीक्षा में बार-बार गंभीर अनियमितता सामने आने की घटना को एबीवीपी ने दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है.
Delhi News: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने यूजीसी नेट परीक्षा के कुछ विषयों के जारी किए गए आंसर की (उत्तर कुंजिका) में 50 प्रतिशत से अधिक उत्तरों के गलत होने पर सख्त नाराजगी जाहिर की है. एबीवीपी ने इस मसले को गंभीरता से लेते हुए कहा कि यूजीसी आंसर की में तुरंत जरूरी सुधार करने की मांग की है. इसके लिए ABVP ने यूजीसी एवं एनटीए को भी पत्र लिखा है.
एबीवीपी ने नेट परीक्षा आंसर सीट को लेकर यूजीसी से मांग की है कि आवेदन से लेकर परिणाम जारी होने तक आने वाली सभी अनियमितताओं पर ध्यान देते हुए पूरी प्रक्रिया को त्रुटिरहित बनाया जाए. ताकि छात्रों को भविष्य में किसी भी अनियमितताओं का सामना न करना पड़े.
बता दें कि बीते 5 जनवरी को एंटीए द्वारा यूजीसी नेट परीक्षा परिक्ष की आंसर की जारी की गई थी, जिसमें कुछ विषयों में (विशेषतया आर्किटेक्चर सहित) कई छात्रों द्वारा आंसर सीट मिलान करने पर पचास प्रतिशत से भी अधिक उत्तर गलत पाए गए. इतने अधिक उत्तरों के के लिए एक अभ्यर्थी द्वारा आवेदन किया जाना भी संभव नहीं है. इसके लिए छात्रों ने दोनों ही संस्थाओं से संपर्क करने का प्रयास किया, जिसका कोई उत्तर नही मिला. पूर्व में यूजीसी नेट के आवेदन के समय भी तकनीकी समस्या के चलते अनेकों छात्र परीक्षा में आवेदन नहीं कर पाए थे. ABVP ने अपने पत्र में दोनों ही संस्थाओं से इस प्रकार की गंभीर नियमितताओं को तत्काल प्रभावी कदम उठा कर दूर करने की मांग की है.
UGC छात्रों के भविष्य से न करे खिलवाड़
ABVP के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा, " एनटीए द्वारा आयोजित यूजीसी नेट की परीक्षा में बार बार इस प्रकार गंभीर अनियमितताओं का आना दुर्भाग्यपूर्ण एवं अस्वीकार्य है. जहां देश एनईपी के माध्यम से देश में शिक्षा क्षेत्र में व्यापकता एवं अवसरों का निर्माण कर रहा है, वहीं एनटीए द्वारा परीक्षाओं में इस प्रकार की अनियमितताएं छात्रों के साथ खिलवाड़ है. ABVP यह मांग करती है की इस मामले के तुरंत संज्ञान में लेकर एनटीए द्वारा इन अनियमितताओं को दूर करना चाहिए. साथ ही आवेदन से लेकर परिणाम आने तक की पूरी प्रक्रिया को दोषरहित बनाने के लिए प्रभावी रणनीति बनानी चाहिए. ताकि छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ न होने पाए.