राजधानी दिल्ली में बढ़ रहे प्रदूषण की वजह सड़कों पर होने वाली वाहनों की भीड़ है. द एनर्जी रिसर्च इंस्टीट्यूट (टेरी) के अध्यन में पता चला है कि दिल्ली की हवा में सुधार के लिए दिल्ली मेट्रो का काफी योगदान है. दिल्ली मेट्रो की वजह से दिल्लीवासियों को यात्रा करने में समय की बचत हो रही है. दिल्ली मेट्रो की वजह से प्रतिदिन सड़कों पर पांच लाख वाहन कम उतर रहे हैं. साल 2021 में दिल्ली एनसीआर के लोगों का कुल 26.9 लाख घंटे समय की बचत हुई, जो साल 2031 में बढ़कर 57.25 लाख घंटे हो जाएगी.
दिल्ली मेट्रो के चौथे चरण का कार्य पूरा होते ही नेटवर्क बढ़ेगा. साल 2019 में मेट्रो के कारण दिल्ली की सड़कों पर प्रतिदिन 4.74 लाख कम वाहन उतरते थे. दो साल में इनकी संख्या अब बढ़कर पांच लाख हो गई है. अगर ये वाहन सड़कों पर उतरते तो दिल्ली का वायु प्रदूषण और बढ़ता. इस हिसाब से दिल्ली मेट्रो में यात्रा करने वाले यात्रियों की वजह से दिल्ली की वायु में काफी सुधार हो रहा है.
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यह पहली बार नहीं हो रहा क्योंकि जब भी पर्यावरण की बात आती है तो दिल्ली मेट्रो सबसे जिम्मेदार संगठनों में से एक रही है. यह लगभग 37 मेगावाट की वर्तमान क्षमता के साथ सौर ऊर्जा उत्पादन में भी आगे है. मोडल शिफ्ट पहल के लिए कार्बन क्रेडिट का दावा करने वाला दुनिया का पहला रेल-आधारित संगठन बना हुआ है. डीएमआरसी नेटवर्क की वर्तमान अवधि 286 स्टेशनों के साथ लगभग 392 किमी है, जिसमें नोएडा-ग्रेटर नोएडा मेट्रो कॉरिडोर और गुरुग्राम रैपिड मेट्रो शामिल हैं.