Child Pornography: भारत में तीन साल में बच्चों के ऑनलाइन यौन शोषण के 24 लाख मामले, 80 प्रतिशत नाबालिग लड़कियां
तीन साल में ऑनलाइन बच्चों के यौन उत्पीड़न के 24 लाख से अधिक मामले आए जिनमें 80 प्रतिशत 14 साल से कम उम्र की लड़कियां थीं. एक इंटरनेट सर्च इंजन वेबसाइट पर बाल पोर्नोग्राफी पर 1.16 लाख बार सर्च.
![Child Pornography: भारत में तीन साल में बच्चों के ऑनलाइन यौन शोषण के 24 लाख मामले, 80 प्रतिशत नाबालिग लड़कियां According to Interpol in three-year period more than twenty four lakh cases of online child sexual abuse reported in India CBI launched campaign Child Pornography: भारत में तीन साल में बच्चों के ऑनलाइन यौन शोषण के 24 लाख मामले, 80 प्रतिशत नाबालिग लड़कियां](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2021/11/18/56376f2c04462ab4adeaabcb8dc6e001_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Child Pornography: इंटरपोल के आंकड़ों के अनुसार भारत में 2017 से 2020 के बीच तीन साल की अवधि में ऑनलाइन बच्चों के यौन उत्पीड़न के 24 लाख से अधिक मामले सामने आए जिनमें 80 प्रतिशत 14 साल से कम उम्र की लड़कियां थीं. अधिकारियों ने बताया कि इन आंकड़ों को देखकर सीबीआई ने भारत में ऑनलाइन बाल यौन उत्पीड़न सामग्री (सीएसएएम) के कथित जिम्मेदार लोगों के खिलाफ व्यापक अभियान शुरू किया है और कई वेबसाइट उसकी निगरानी के दायरे में आ गयी हैं.
1.16 लाख बार सर्च की गई बाल पोर्नोग्राफी
इंटरपोल के आंकड़ों से संकेत मिलता है कि सीएसएएम की विषयवस्तु और उपभोक्ता तेज दर से बढ़ रहे हैं और एक रिपोर्ट के अनुसार एक इंटरनेट सर्च इंजन वेबसाइट पर बाल पोर्नोग्राफी पर 1.16 लाख बार पोर्नोग्राफी सर्च की गयी. सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने सोशल मीडिया वेबसाइटों के साथ इस मामले को संबंधित कानूनी प्रावधानों के तहत उठाने की योजना बनाई है जिसमें उनकी भूमिका और जवाबदेही की पड़ताल की जाएगी. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘इंटरपोल के आंकड़े चिंताजनक हैं. इससे ऑनलाइन बाल यौन उत्पीड़न के 24 लाख मामलों का पता चला है जिनमें 80 प्रतिशत पीड़ित किशोरियां हैं.’’
5,000 लोग सीएसएएम साझा करते हैं
सीबीआई का अभियान 50 ऑनलाइन सोशल मीडिया समूहों पर केंद्रित है जिसमें दुनियाभर के 5,000 लोग सीएसएएम साझा करते हैं. सूत्रों ने कहा कि समूहों में पाकिस्तान के 36, कनाडा के 35, अमेरिका के 35, बांग्लादेश के 31, श्रीलंका के 30, नाइजीरिया के 28, अजरबैजान के 27, यमन के 24 और मलेशिया के 22 सदस्य हैं.
कानून के दायरे में लाया जाएगा
केंद्रीय एजेंसी अब इन देशों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ तालमेल के साथ काम करेगी ताकि आरोपियों को कानून के दायरे में लाया जा सके तथा बच्चों के यौन उत्पीड़न से संबंधित ऑनलाइन सामग्री के स्रोत का पता चल सके. एक अधिकारी ने कहा, ‘‘सीबीआई सहयोगी एजेंसियों के साथ औपचारिक तथा अनौपचारिक माध्यम से समन्वय कर रही है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ये लोग ऐसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से जुड़े अपने बैंक खातों में नियमित आय प्राप्त कर रहे हैं.’’
अभियान चलाया गया
सीबीआई ने 14 राज्यों में एक व्यापक धरपकड़ अभियान के तहत 77 जगहों पर छापे मारे और सात लोगों को गिरफ्तार किया. एजेंसी ने 14 नवंबर को बाल दिवस के मौके पर बड़ा अभियान छेड़ा था. इस दौरान अगले दिन तक 83 आरोपियों के खिलाफ 23 अलग-अलग प्राथमिकियां दर्ज की गयीं.
ये भी पढ़ें:
UP News: आजमगढ़ एक किशोरी का अपहरण, दो समुदायों के बीच का मामला, क्षेत्र में तनाव
Delhi News: सलमान खुर्शीद की विवादित किताब पर एकतरफा रोक लगाने से कोर्ट का इंकार, जानिए क्या कहा
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)