Delhi News: राजधानी दिल्ली में वायु गुणवर्ता लगातार खराब श्रेणी में बनी हुई है. लोगों की सासों पर संकट बरकरार है. केंद्र सरकार हो या दिल्ली सरकार प्रदूषण को कम करने के लिए अलग-अलग उपाय कर रहे हैं. दिल्ली में प्रदूषण को कम करने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से दिल्ली और एनसीआर में पीएनजी आधारित इंडस्ट्री को बढ़ावा देने पर जोर दिया जा रहा है. साथ ही दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के लिए कर्मशियल डीजल वाहन एक बड़ा कारण है जिसके लिए केंद्र सरकार द्वारा ईस्ट्रन एक्सप्रेस हाइवे और वेस्ट्रन एक्सप्रेस हाइवे बनाया गया है. जिससे कर्मशियल वाहनों को डार्यवर्ट किया गया है. साथ ही वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए ईंधन को बदलने के लिए BS4 और BS6 को जरूरी किया गया है.


प्रदूषण की मुख्य वजह पराली!


इसके अलावा अक्टूबर के अंत से ही दिल्ली में बढ़ने वाले प्रदूषण के लिए दिल्ली से सटे राज्यों में जलाई जाने वाली पराली भी एक मुख्य कारण है. जिसे लेकर केंद्र सरकार का कहना है कि किसानों को मशीनों का वितरण किया जा रहा है. और पराली को गलाने के लिए डीकम्पोजिशन दिया जा रहा है. साथ ही पराली को जलाए बिना खत्म करने के कई अन्य सुझाव भी सुझाए गए हैं. 


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दिल्ली में GRAP-3 लागू


साथ ही प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए दिल्ली सरकार भी तमाम उपाय कर रही है. दिल्ली में इस समय ग्रेडेड रिस्पांस सिस्टम GRAP-3 लागू किया हुआ है. मौजूदा समय में दिल्ली का AQI 2.5 का स्तर 300 के पास बना हुआ है, ऐसे में अभी GRAP-3 लागू किया हुआ है. कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मेनेजमेंट CAQM के मुताबिक GRAP सिस्टम को 4 कैटेगरी में लागू किया जाता है. यदि दिल्ली का AQI 2.5 का स्तर 201 से 300 के बीच होता है तो स्टेज 1 लागू होता है, और AQI 2.5 का स्तर 301 से 400 के बीच होता है तो स्टेज 2 ,और  AQI 2.5 का स्तर 401 से 450 तक होने पर स्टेज 3 और 450 से बढ़ने पर स्टेज 4 लागू किया जाएगा.


बंद कर दिए गए थे स्कूल


पिछले दिनों दिल्ली की वायु गुणवर्ता 400 के पार बेहद ही गंभीर हालत में पहुंचने पर GRAP-4 लागू किया गया था. जिसमें जरूरी सामान वाले वाहनों को छोड़कर ट्रकों की एंट्री पर रोक लगाई गई थी. निर्माण कार्य पर भी रोक लगी थी. दिल्ली सरकार के दफ्तरों में 50 फीसदी कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम हॉम दिया गया था. स्कूल-कॉलेज कोभी बंद किए जाने के निर्देश दिए गए थे. लेकिन इन तमाम उपायों के बाद भी दिल्ली का AQI बेहतर श्रेणी में नहीं पंहुच रहा है, आसमान में धुंध की चादर जमी हुई है. लोगों का इस प्रदूषण में सांस लेना मुश्किल हो रहा है.


क्या कहते हैं एक्सपर्ट?


सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट CSE से पर्यावरण एक्सपर्ट विवेक चट्टोपाध्याय का कहना है कि यदि दिल्ली में सर्दियों के दौरान होने वाले प्रदषण को कम करना है तो इसके लिए कई उपाय करने होगें जेसै कि पब्लिक वाहनों के इस्तेमाल को बढ़ावा देना, दिल्ली और एनसीआर में इडस्ट्रीज को लेकर जो जरूरी उपाय हैं वो किए जाने चाहिए. इसके अलावा दिल्ली से सजे राज्य हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों को भी प्रदूषण को लेकर गंभीर होना चाहिए. दिल्ली और इन राज्यों को आपस में मिलकर प्रदूषण को कम करने के लिए काम करने की जरूरत है. कमेटी बनाई जानी चाहिए. जो इन सभी राज्यों में तालमेल से काम करें. पराली को लेकर भी लांग टर्म एक्शन लिया जाना चाहिए.क्योंकि एक्सपर्ट के मुताबिक दिल्ली में AQI 2.5 का स्तर खराब श्रेणी में पहुंचाने के लिए जलायी जा रही पराली का योगदान 5 फीसदी है.


इसके साथ ही एक्सपर्ट के मुताबिक जैसे-जैसे दिल्ली में तापमान कम होने लगता है वैसे-वैसे हवा की गति कम होने लगती है जिससे प्रदूषण बढ़ने लगता है. तापमान बढ़ने पर हवा की गति 8 किलोमीटर/प्रति घंटे की रफ्तार से कम हो जाती है. और आने वाले दिनों में हवा की गति और धीमी होगी 4 किलोमीटर/प्रतिघंटे की रफ्तार पर पहुंचेगी. तापमान बढ़ने पर आसमान में जो परत बनती है और गर्म हवा को नीचे तक नहीं आने देती जिससे प्रदूषण कम नहीं होता और तड़के सुबह और रात के समय में ज्यादा गंभीर श्रेणी में प्रदूषण पहुंच जाता है,जबकि दोपहर में धूप निकलने पर प्रदूषण कम रहता है.