दिल्ली में होने वाले एमसीडी चुनाव से पहले लोकसभा में दिल्ली नगर निगम संशोधन विधेयक पारित हो गया है. इसके बाद से दिल्ली में एमसीडी चुनावों में काफी देरी होगी, क्योंकि दिल्ली के तीनों नगर निगमों के एकीकरण के बाद फिर से वार्ड बनाने होंगे. वहीं दिल्ली के तीनों नगर निगमों का कार्यकाल 18 मई को खत्म हो रहा है और अब एमसीडी चलाने के लिए दिल्ली में विशेष अधिकारी की केंद्र को उस तारीख से पहले नियुक्ति करनी होगी.
दिल्ली नगर निगम संशोधन विधेयक के अनुसार विशेष अधिकारी दिल्ली में नागरिक निकायों के कामकाज को संभालने के लिए पूरी तरह तैयार है. हालांकि यह पहली बार नहीं होगा कि एक विशेष अधिकारी नागरिक मामलों को चलाएगा. 75 सालों में एमसीडी को संसद के एक अधिनियम दिल्ली नगर अधिनियम 1957 में 16 विभिन्न नागरिक संगठनों को मिलाकर अस्तित्व में लाया गया था. इन 75 सालों में से 12 सालों के लिए एक प्रशासक ने एमसीडी को चलाया था.
यूनिफाइड एमसीडी के सूचना विभाग में सेवा देने वाले योगेंद्र सिंह मान ने कहा कि 24 मार्च 1975 से 4 जुलाई 1977 के बीच पहली बार प्रशासकों या विशेष अधिकारियों को लाया गया था. इसके बाद 11 अप्रैल 1980 से 28 फरवरी 1983 के बीच एमसीडी को विशेष अधिकारी द्वारा चलाया गाय और फिर अंतिम बार 6 जनवरी 1990 से 31 मार्च 1997 के बीच एमसीडी को विशेष अधिकारी ने चलाया.
दिल्ली के 272 निर्वाचित नगर पार्षदों की मौजूदा पांच साल का समय 18 मई 2022 को समाप्त होना वाला है. इस विधेयक के अनुसार विशेष अधिकारी उस तारीख के बाद से दिल्ली के नगर निगमों को एक बैठक के बाद केंद्र द्वारा नियुक्त होने वाला विशेष अधिकारी संभालेगा.