केंद्र सरकार दिल्ली के तीनों नगर निकायों के एकीकरण का विधेयक पेश करने को तैयार है. हाल ही में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में भी दिल्ली नगर निगम के एकीकरण पर मुहर लग गई है. इंडियन एक्सप्रेस की खबर की मानें तो एमसीडी में सीटों की संख्या को घटाकर 250 वॉर्डों तक सीमित किया जा सकता है जो वर्तमान में 272 वार्ड हैं. इसमें 50 फीसदी महिलाओं के लिए आरक्षित हैं.
अब इस चुनाव की देरी के पीछे की वजह परिसीमन रहेगा, क्योंकि अब फिर से वॉर्डों की सीमा और अनुसूचित जाति व महिलाओं के लिए सीटों आरक्षित को करने के लिए परिसीमन किया जाएगा यानी. खबरों की मानें तो एमसीडी 2022 का चुनाव टाला भी जा सकता है. अगर परिसीमन दोबारा से शुरू होगा तो जाहिर सी बात है कि इसमें देरी होगी और चुनाव भी टाला जा सकता है.
चुनाव आयोग को फिर से रिजर्व सीट बनानी होंगी और इसमें काफी समय लगेगा. सूत्रों की मानें तो जब तक एमसीडी के प्रतिनिधि चुने नहीं जाते तब तक दिल्ली नगर निगम केंद्र सरकार की नजर में रहेगा. दिल्ली एकीकरण को लेकर जहां आम आदमी पार्टी का कहना है कि ये पहले भी हो सकता था लेकिन चुनाव के समय पर ऐसा करना लोकतंत्र की हत्या है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा था कि अगर हिम्मत है तो चुनाव करके दिखाओ. इसके साथ ही केजरीवाल ने चुनौती देते हुए कहा था कि BJP में अगर हिम्मत है तो MCD चुनाव करवा कर जीत के दिखा दो तो हम राजनीति छोड़ देंगे. वहीं दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली की जनता को एमसीडी के 1 या 3 होने से फर्क नहीं पड़ता, जनता को भ्रष्टाचार मुक्त एमसीडी चाहिए. आप का कहना है कि