Delhi News: अगर आप भी अभी अभी कोरोना से संक्रमित हुए हैं और आपकी टेस्ट रिपोर्ट में ये सामने आया की आप कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन से संक्रमित है, तो आपके मन में भी ये सवाल होगा कि एक बार संक्रमित होने के बाद अब आप कितने दिनों तक दोबारा संक्रमित नहीं होंगे.
कहीं आपको फिर ओमिक्रॉन तो नहीं हो जाएगा, क्योंकि कोरोना का ये वैरिएंट बाकी वेरिएंट से काफी अलग है, 32 म्यूटेशन वाला ओमिक्रॉन वैरिएंट काफी तेजी से फैलता है हालांकि अब तक मेडिकल रिपोर्ट्स में इसके लक्षण ज्यादा खतरनाक साबित नही हुए है लेकिन हेल्थ एक्सपर्ट्स और डॉक्टरों का मानना है की ओमिक्रॉन को लेकर कोई भी लापरवाही नहीं बरती जा सकती है.
कोरोना से ठीक होने के बाद शरीर में बनती है एंटीबॉडी
आमतौर पर डॉक्टर कहते हैं कि कोरोना एक बार होने के बाद शरीर में एंटीबॉडी बन जाती है और जब तक एंटीबॉडी का असर शरीर में रहता है, या जिसे नेचुरल इन्फेक्शन कहते है वो आपको वायरस से लड़ने में मदद करता है. लेकिन क्या ओमिक्रॉन ठीक होने के बाद तुरंत हो सकता है, इस सवाल का जवाब देते हुए दिल्ली के पटपड़गंज मैक्स के निदेशक मनोज कुमार ने बताया की अगर किसी मरीज को कोरोना होता है तो उसके शरीर में एंटीबॉडी जरूर बनते है लेकिन कई बार अगर मरीज कमज़ोर होता है या उसकी ठीक से जांच नहीं होती तो उसकी रिपोर्ट नेगेटिव आ जाती है लेकिन उसके शरीर में वायरस जिंदा रहते है जो फिर एक्टिव हो जाते है और दोबारा टेस्ट कराने पर मरीज पॉजिटिव हो सकता है.
क्या दोबारा हो सकता है ओमिक्रॉन
डॉक्टर मनोज ने बताया की ओमिक्रॉन कोरोना का ऐसा वैरिएंट है जिसके दोबारा होने का खतरा बाकी वेरिएंट से कहीं ज्यादा है, जिनकी इम्यूनिटी लो है उनको दोबारा हो सकता है क्योंकि इस वैरिएंट का म्यूटेशन बाकी वैरिएंट से अलग है. इससे पहले जब अल्फा और डेल्टा वैरिएंट से लोग संक्रमित होते थे तो 3 से 6 महीने तक उनके शरीर में एंटीबॉडी बनती थी लेकिन ओमिक्रॉन पर अभी रिसर्च जारी है इसलिए इसके बारे में ये नही कहा जा सकता की इस वैरिएंट से संक्रमित होने के बाद शरीर में कितने दिनों तक इम्यूनिटी बनती है. फिलहाल अब तक ऐसा मामला नहीं सामने आया जहां ओमिक्रॉन से संक्रमित मरीज को फिर ओमिक्रॉन हुआ हो.
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