(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Mukherjee Nagar Fire: कोचिंग सेंटर की बिल्डिंग में आग की घटना के बाद निगम ने बरती सख्ती, 90 कोचिंग संचालकों को नोटिस
MCD द्वारा जारी किए गए नोटिस में दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश और मास्टर प्लान-2021 की शर्तों को आधार बनाया गया है. कोचिंग संचालकों को जवाब देने के लिये 48 घंटो का समय दिया है.
Delhi News: राजधानी दिल्ली के मुखर्जी नगर स्थिति एक कोचिंग सेंटर की बिल्डिंग में 15 जून को हुई आगजनी की घटना के बाद इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए तय मानकों को दरकिनार कर चलाये जा रहे कोचिंग सेंटरों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए थे. इसके लिए कोर्ट ने दिल्ली पुलिस और फायर डिपार्टमेंट को दिल्ली नगर निगम (MCD) को सहायता प्रदान करने के भी आदेश दिए थे. जिसके बाद MCD ने कार्रवाई करते हुए तकरीबन 900 नोटिस जारी कर कोचिंग संचालकों से जवाब मांगा था. इसी कड़ी में यमुना पार के शाहदरा दक्षिणी जोन में चल रहे 90 कोचिंग संस्थानों को नोटिस जारी कर निगम ने उनसे कोचिंग सेंटर चलाने के मानकों को लेकर जवाब मांगा है.
48 घंटे में देना होगा जवाब
MCD द्वारा जारी किए गए नोटिस में दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश और मास्टर प्लान-2021 की शर्तों को आधार बनाया गया है. कोचिंग संचालकों को जवाब देने के लिये 48 घंटो का समय दिया है. इस तय समय सीमा के भीतर जो कोचिंग संचालक उपयुक्त दस्तावेजों के साथ अपने जवाब से निगम को संतुष्ट कर पाएंगे वो चालू रहेंगे और जो इसमें असफल पाये जाएंगे, उनके खिलाफ सीलिंग की कार्रवाई निगम द्वारा की जाएगी.
दक्षिणी जोन में कोचिंग की भरमार
बता दें कि, लक्ष्मी नगर, शकरपुर और मुखर्जी नगर में काफी संख्या में कोचिंग सेंटर चलाये जा रहे हैं. वहां सीए, आइएएस, इंजीनियरिंग, मेडिकल, बैंकिंग और एसएससी की तैयारी से संबंधित कई कोचिंग सेंटर हैं. इनमें से कुछ ही मुख्य रोड पर संचालित हो रहे हैं. जबकि बड़ी संख्या में संकरी गलियों में बने भवनों की ऊपरी मंजिलों पर कोचिंग सेंटर चल रहे हैं. इन गलियों में चार पहिया वाहन भी मुश्किल से ही निकल पाते होंगे. वहीं प्रीत विहार की तरफ इंजीनियरिंग और मेडिकल की तैयारी से जुड़े कोचिंग सेंटर की भरमार है.
कोर्ट के आदेश पर निगम का एक्शन
मुखर्जी नगर में आग की घटना में कोचिंग के 60 स्टूडेंट घायल हो गए थे, क्योंकि आग बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर पर लगी थी और बिल्डिंग में लगे आग बुझाने वाले उपकरण काम नहीं कर रहे थे, जबकि कोचिंग सेंटर में इसकी व्यवस्था ही नहीं कि गयी थी. जिस कारण कोचिंग के स्टूडेंट बिल्डिंग से नहीं निकल पा रहे थे और उन्हें जान बचाने के लिए रस्सी के सहारे कूद कर खुद को बचाना पड़ा, जिसमें 5 दर्जन स्टूडेंट घायल हो गए थे. इसे देखते हुए हाई कोर्ट ने 25 जुलाई को आदेश जारी कर कहा कि फायर डिपार्टमेंट की NOC के बिना चल रहे सभी कोचिंग सेंटरों को बंद किया जाए. बता दें कि, इस मामले में दिल्ली पुलिस ने दो कोचिंग संचालकों को गिरफ्तार भी किया था, जिन्हें बाद में जमानत पर छोड़ दिया गया. जिसके बाद, निगम ने कोचिंग सेंटरों को नोटिस भेजने का सिलसिला शुरू किया है. जिसमें यह भी देखा जा रहा हसी की ये कोचिंग सेंटर मास्टर प्लान- 2021 के शर्तों का पालन कर रहे हैं या नहीं. अगर इसमें कोई सेंटर असफल पाया जाता है तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.
ऐसे होने पर सील हो जाएगा सेंटर
दक्षिणी जोन के उपायुक्त अंशुल सिरोही ने एबीपी लाईव की टीम से बातचीत में बताया कि हाई कोर्ट के आदेश और मास्टर प्लान-2021 के अनुपालन से जुड़े दस्तावेजों को कोचिंग संचालकों को जवाब के साथ प्रस्तुत करना होगा. जो ऐसा नहीं कर पाएंगे, उनके संस्थान को सील कर दिया जाएगा.
मास्टर प्लान-2021 के तहत ये हैं शर्ते
गौरतलब है कि मास्टप्लान-2021 के तहत कोचिंग संस्थान चलाने के लिए इन शर्तों को पूरा करना आवश्यक है, जो इस प्रकार हैं-
• कोचिंग सेंटर तक वाहनों के आवागमन के लिए पर्याप्त रास्ता हो, जिससे हालात न बिगड़े.
• A और B श्रेणी की रिहायशी कालोनी में 18 मीटर चौड़ी सड़क किनारे बनी संपत्ति में ही कोचिंग सेंटर की अनुमति.
• C और D श्रेणी की पुनर्वास कालोनियों में 13.5 मीटर चौड़ी सड़क किनारे बने भवन में कोचिंग सेंटर अनुमन्य होगा.
•अनधिकृत नियमित, रिसेटलमेंट कालोनी, सोशल एरिया में नौ मीटर चौड़ी सड़क पर अनुमति होगी.
• नौ मीटर से ऊंचे भवन में कोचिंग सेंटर संचालित करने के लिए ही फायर एनओसी चाहिए होगी.