Delhi: दिल्ली के इन वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की शुरुआत के बाद यमुना में नहीं गिरेगा सीवर का गंदा पानी, जानें कैसे?
Delhi: ओखला में बनाए जा रहे वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का काम लगभग पूरा हो चुका है और इसके अगले महीने अक्टूबर तक पूरी तरह से बन कर फंक्शनल होने की उम्मीद है. वहीं कोंडली प्लांट चालू हो चुका है.
Delhi News: दिल्ली सरकार और जल बोर्ड लगातार यमुना को साफ रखने की कवायद में लगी हुई है. इस प्रयास में अब सफलता भी मिलती नजर आ रही है. यमुना में सीवर के गंदे पानी को जाने से रोकने और उसे ट्रीट करने के लिए रिठाला, कोंडली और ओखला में वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाया जा रहा है. प्लांट बनने और फिर फंक्शनल होने के बाद यमुना में सीवर के पानी को जाने से रोका जा सकेगा. यमुना स्वच्छ बनाए रखने में मदद मिलेगी.
ओखला में बनाए जा रहे वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का काम लगभग पूरा हो चुका है. अगले महीने अक्टूबर तक पूरी तरह से बन कर फंक्शनल होने की उम्मीद है. वहीं कोंडली प्लांट चालू हो चुका है, जबकि रिठाला वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट काम पूरा होने के बाद भी अब तक शुरू नहीं किया जा सका है.
22 नाले यमुना को कर रहे दूषित
दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार राजधानी में कुल 22 ऐसे नाले हैं, जिनका गंदा पानी सीधे यमुना नदी में गिरता है. इनमें कुछ ऐसे भी नाले हैं, जिनसे सबसे ज्यादा गंदा पानी यमुना में पहुंचता है. इनमें आईएसबीटी नाले से 35 एमएलडी, दिल्ली गेट नाले से 90 एमएलडी, सेन नर्सिंग होम नाले से 66 एमएलडी, बारापुला नाले से 140 एमएलडी और शाहदरा नाले से करीब 500 एमएलडी सीवेज वॉटर यमुना में जा रहा है. जिससे यमुना काफी प्रदूषित हो रही है.
नालों को ट्रैप कर यमुना को साफ रखने पर जोर
दिल्ली जल बोर्ड ने इन सभी नालों को ट्रैप कर पानी ट्रीट करने के उद्देश्य से ओखला, कोंडली और रिठाला में वेस्ट वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाने की योजना पर काम शुरू किया था, जिसका काम अब लगभग पूरा हो चुका है. कोंडली में बनाया गया 45 एमजीडी का प्लांट फंक्शनल भी हो चुका है और करीब 20 से 22 एमजीडी पानी ट्रैप कर उसे ट्रीट भी किया जा रहा है. इससे यमुना में गिरने वाले गंदे पानी और प्रदूषण में काफी कमी आयी है, जो
रिठाला में भी जल्द शुरू होगा ट्रीटमेंट प्लांट
रिठाला में 70 एमजीडी क्षमता का जो वेस्ट वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट बन रहा है, उसका काम भी पूरा हो चुका है और इस इलाके के उन सभी नालों को ट्रैप कर दिया गया है, जिससे यमुना में गंदा पानी जाता है. हालांकि, यह प्लांट अभी फंक्शनल नहीं है और अगले महीने तक इसे भी चालू किए जाने की संभावना है. इसकसे बाद इस प्लांट से भी सीवेज वाटर को ट्रीट किया जा सकेगा और यमुना के प्रदूषण को काफी हद तक कम किया जा सकेगा.