केंद्रीय कैबिनट ने दिल्ली नगर निगम के एकीकरण पर महुर लगा दी है. आम आदमी पार्टी को अब एक और झटका लगा है, इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार अब दिल्ली नगर निगम के बजट का फंड केंद्र सरकार के पास जा सकता है. इससे आम आदमी पार्टी को काफी नुकसान होगा. वर्तमान में भाजपा शासित नगर निगम और दिल्ली की आप सरकार फंडिंग को लेकर आमने-सामने रहती हैं.
दिल्ली एमसीडी का कहना है कि दिल्ली सरकार निगम को फंड नहीं देती है, वहीं आप का आरोप है कि नगर निगम के फंड की कमी का कारण भ्रष्टाचार है. क्योंकि नगर निगम के कर्मचारी पिछले पांच सालों में 50 से अधिक बार हड़ताल पर गए हैं. बीजेपी नेता मनोज तिवारी का कहना है कि दिल्ली में तीनों निगमों के एकीकरण के बाद इसको सीधे केंद्र सरकार से फंड मिलेगा और शहर का विकास होगा.
बीजेपी नेता मनोज तिवारी ने कहा कि साल 2017 के दिल्ली एमसीडी चुनावों में मैंने दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष के रूप में दिल्ली की जनता से वादा किया था कि मैं तीनों निगमों को एक कर दूंगा और सीधे केंद्र से फंड मिलने का रास्ता आसान कर दूंगा.
मनोज तिवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आप सरकार की राजनीति के कारण नगर निगम आर्थिक रूप से कमजोर रहा है. इस वजह से दिल्ली के लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी है. केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद दिल्ली नगर निगम (संशोधन) अधिनियम 2022 के संसद के चालू बजट सत्र में पेश होने की संभावना है.
दिल्ली एमसीडी चुनाव में साल 2017 में आप को मिला था बहुमत
साल 2017 के दिल्ली एमसीडी चुनाव में 270 में से 181 वार्डों पर बीजेपी ने जीत हासिल की थी. बीजेपी ने दिल्ली के तीनों निगमों में बहुमत हासिल किया था. इस चुनाव में आम आदमी पार् को 48 सीटों और कांग्रेस को 30 सीटें पर जीत हासिल की.