Farmer Protest End: किसान आन्दोलन खत्म के बाद रोहतक रोड पर आवाजाही शुरू, जल्द खुलेगा गाज़ीपुर और सिंघु बॉर्डर
किसान आन्दोलन के चलते एक साल से भी ज्यादा समय तक टिकरी, रोहतक और सिंघु बॉर्डर पर आवाजाही बंद थी. आन्दोलन की समाप्ति के बाद इसे दोबारा आम लोगों के आवाजाही के लिए खोला जा रहा है.
![Farmer Protest End: किसान आन्दोलन खत्म के बाद रोहतक रोड पर आवाजाही शुरू, जल्द खुलेगा गाज़ीपुर और सिंघु बॉर्डर After the end of the farmers' movement, the movement on Rohtak road will start, Ghazipur and Singhu border will also be opened soon. Farmer Protest End: किसान आन्दोलन खत्म के बाद रोहतक रोड पर आवाजाही शुरू, जल्द खुलेगा गाज़ीपुर और सिंघु बॉर्डर](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2021/12/11/3f76dc1359d4973d5f908500bdb10d09_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Former Protest End: किसान आंदोलन के दौरान एक साल से भी लंबे समय तक किसान दिल्ली और हरियाणा को जोड़ने वाली सड़क पर मजबूती से जमे रहे. किसान आन्दोलन के समय इस सड़क पर आवाजाही बंद थी. सरकार के कृषि कानूनों के वापसी और किसान नेताओं और सरकार के बीच चली बातचीत के बाद, किसानों ने इस आन्दोलन को समाप्त करने की घोषणा की. जिसके बाद टिकरी बॉर्डर पर रोहतक रोड को बीते रविवार से वाहनों की आवाजाही के लिए खोल दिया गया है, जबकि गाजीपुर और सिंघु बॉर्डर को फिर से आवाजही के लिए खोले जाने का काम तेज़ी से चल रहा है.
दिल्ली पुलिस के मुताबिक रोहतक रोड के एक हिस्से को अक्टूबर में खोल दिया गया था, लेकिन जिस हिस्से में किसान प्रदर्शन कर रहे थे उसको रविवार को पूरी तरह से आम लोगों की आवाजाही के लिए सफाई के बाद खोल दिया गया है. दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक, "रोहतक रोड पर अब सभी बैरीकेडिंग को हटा दिया गया है. जिसके बाद वाहनों के सुचारू रूप से आवाजाही के लिए खोल दिया गया है.
गौरतलब हो कि पिछले साल पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सहित कई हज़ार किसानों ने विवादस्पद कृषि कानूनों के विरोध में और इसको सरकार से वापस लेने की मांग के साथ प्रदर्शन शुरू किया था. जिसको पिछले महीने केंद्र सरकार ने वापस ले लिया है.
टाइम्स ऑफ़ इंडिया में प्रकाशित खबर के मुताबिक, सिंघु बॉर्डर को किसानों के समूह और गैर-सरकारी संस्थाओं के सहयोग से बीते रविवार को इसके 95 प्रतिशत हिस्से को साफ कर लिया गया है.
किसानों के संयुक्त मोर्चा के एक प्रतिनिधि के मुताबिक, "सिंघु बॉर्डर पर सफाई का कम तेज़ी से चल रहा है, जिसके लिए 20 से ज्यादा जेसीबी और सौ से ज्यादा वालंटियर की मदद से बगैर रुके लगातार काम जारी है. जितनी जल्दी संभव हो हम इसे साफ कर लेंगे. वहीं संयुक्त किसान मोर्चा के नेता अभिमन्यु कोहर के मुताबिक, "कुछ लंगर वाली जगह और एक या दो टेंट को छोड़ कर सिंघु बॉर्डर को साफ किया जा रहा है. लंगर और टेंट वालंटियर के रहने के लिए छोड़ा गया है जो इस जगह को साफ कर रहे हैं. हमें उम्मीद है कि आज रात तक इसको साफ कर लिया जायेगा.
टिकरी बॉर्डर पर भी प्रदर्शन स्थल पर मौजूद सभी अवरोधों और टेंट को हटाया जा रहा है. वहीं गाज़ीपुर बॉर्डर पर आधे से ज्यादा किसान प्रदर्शन स्थली को छोड़ अपने मूल निवास स्थान की तरफ जा रहे हैं. इस संबंध में भारतीय किसान यूनियन अतुल त्रिपाठी के मुताबिक, "रोड का एक सिरा जिसे किसान आन्दोलन के दौरान किसानों ने अपना डेरा डाला था, उसको साफ किया जा रहा है. जबकि एक हिस्से से आवाजाही शुरू हो कर दी गयी है. बाकी बचे हिस्से को भी जल्द ही साफ कर दिया जायेगा. ज्यादातर किसान जा चुके हैं. बीकेयू मोर्चे से जुड़े किसानों ने 15 दिसम्बर तक इस स्थान को छोड़ने का फैसला किया है.
दो लंगर इस जगह पर अभी भी सेवाएं दे रहे हैं. 15 दिसम्बर तक जब रोड पूरी तरह से साफ हो जायेगा बाकि बची चीजों को भी हटा दिया जायेगा. इसके एक बार साफ होने के बाद ट्रैफिक के आवाजाही के लिए पूरी तरह से खोल दिया जायेगा. गौरतलब हो कि 29 नवंबर को सरकार ने पार्लियामेंट में बिल पास करके किसानों की मुख्थ मांगों को मान लिया था, जिसके बाद भी किसानों ने अपना प्रदर्शन ख़त्म करने से इंकार कर दिया था.
किसानों का कहना था कि एमएसपी पर वैध कानून बनाने और पुलिस के जरिये दायर सभी केसों को हटाने की मांग की. केंद्र सरकार के ज़रिये इन सभी मांगों के मान लेने के बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने आन्दोलन को समाप्त करने की घोषणा की और 11 दिसम्बर से अपने घरों को लौटने लगे थे.
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