दिल्ली में बढ़ते कोरोना के केसों को देखते हुए दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की अहम बैठक होने वाली है. इस बैठक से पहले ही शिक्षा निदेशालय ने राजधानी के स्कूलों से कोविड प्रभावित छात्रों और कर्मचारियों की संख्या के बारे में स्कूलों से डेटा मांगा है. इसको लेकर शिक्षा निदेशालय ने एक आदेश जारी किया है जिसके अनुसार जिसमें अधिकारियों से अपने संस्थानों में संक्रमण के बारे में जानकारी दर्ज करने को कहा. हालांकि शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों ने डेटा लेने के पीछे के कारणों पर कोई साफ जवाब नहीं दिया है.


वहीं दिल्ली के 120 से अधिक स्कूलों के एक संघ राष्ट्रीय प्रगतिशील स्कूल सम्मेलन (एनपीएससी) की अध्यक्ष सुधा आचार्य ने इस फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि डीडीएमए की बैठक से पहले दिल्ली सरकार संभवतः डेटा ले रही है ताकि वे बुधवार को डीडीएमए की बैठक में स्थिति को समझ सकें. इसके साथ ही आईटीएल पब्लिक द्वारका के प्रिंसिपल आचार्य ने कहा यह एक अच्छा कदम है क्योंकि इससे उन्हें कोविड के केसों को समझने और उसके अनुसार उचित निर्णय लेने में मदद मिलेगी.


दिल्ली रोहिणी सेक्टर 8 में बने सर्वोदय सह-शिक्षा विद्यालय के प्रिंसिपल अवधेश कुमार झा ने कहा कि कल रात स्कूल से कोविड डेटा मांगा गया था. हमें कोविड से प्रभावित छात्रों की संख्या के बारे में जानकारी देने को कहा गया था और हम पहले ही ऐसा कर चुके हैं. पिछले हफ्ते राजधानी में निजी स्कूलों से कोविड के मामले सामने आने के बाद डीओई ने पिछले गुरुवार को एक एडवाइजरी में कहा कि अगर परिसर में कोविड-19 का मामला सामने आता है तो स्कूल या पूरे स्कूल के विशिष्ट विंग को बंद किया जा सकता है. 


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इसके साथ ही शिक्षा निदेशालय ने मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंस पर भी जोर दिया है. अगर कोई कोविड केस स्कूल में मिलता है तो उसकी जानकारी तुरंत डीओई को सूचित करनी होगी. वहीं स्कूल के संबंधित विंग को कुछ समय के लिए बंद कर दिया जाना चाहिए.