दिल्ली में बारिश से कई इलाकों में जलभराव की समस्या होती है, लेकिन अब इस समस्या से निपटने के लिए नगर निगम ने मानसून से पहले ही तैयारियां कर ली हैं. दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के अनुसार 668 नालों से लगभग 87,000 मीट्रिक टन गाद निकाल ली गई है, एमसीडी ने दावा किया है कि उसने राजधानी के 96 प्रतिशत नालों में गाद निकालने का काम पूरा कर लिया है. इसके साथ ही इस महीने के अंत में बारिश आने से पहले मानसून की तैयारियों पर काम पूरा करने के लिए एजेंसियों ने 15 जून को अंतिम समय सीमा तय की है.
दिल्ली में सबसे अधिक नालों का प्रबंधन करने वाले लोक निर्माण विभाग ने अपने 80 प्रतिशत से अधिक नालों से गाद निकालने का काम पूरा किया है. राजधानी में मानसून की शुरुआत से ठीक पहले एजेंसियां बारिश के पानी को लेकर नालियों को साफ करने के लिए काम कर रही हैं ताकि बारिश का पानी आसानी से गुजर सके और ओवरफ्लो न हो. इसके बाद सड़कों पर जलभराव की समस्या से लोग परेशान न हों.
मानसून से पहले की तैयारी को लेकर एमसीडी ने कहा कि अब तक 688 नालों से 87,000 मीट्रिक टन से अधिक गाद हटा दी है. नालों से निकाली गई गाद को लैंडफिल साइट पर भेजा जा रहा है और इसकी निगरानी आरएफआईडी टैग के जरिए की जा रही है. क्योंकि ये पूरी प्रक्रिया पूरी तरह से कम्प्यूटरीकृत है. राजधानी में 2,064 किलोमीटर के नाले पीडब्ल्यूडी के अंतर्गत आते हैं और इनमें से 80 फीसदी से ज्यादा नालों की गाद निकालने का काम पूरा हो चुका है और 15 जून तक बाकी काम भी पूरा कर लिया जाएगा.
एमसीडी ने सफाई के लिए किया अनुरोध
बता दें कि दिल्ली में नालों से गाद निकालने के लिए मशीनरी तथा प्रशिक्षित कर्मियों के साथ गाद निकालने का कार्य निर्धारित तरीके से किया जाता है. नगर निगम ने दिल्ली सरकार के पीडब्ल्यूडी, डीएसआईआईडीसी और सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग से भी अनुरोध किया है कि अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले सभी नालों की सफाई मानसून से पहले पूरी कर लें. नगर निकाय को उम्मीद है कि मानसून के दौरान नालों की सफाई से नागरिक संकट कम होंगे क्योंकि शहर में अधिकांश नाले आपस में जुड़े हुए हैं .
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