Waiting Lounge At AIIMS: दिल्ली में स्थित एम्स (AIIMS) को अब और आधुनिक बनाया जाएगा. मरीजों और उनके तीमारदारों का ख्याल रखते हुए कई बेहतर सुविधाएं देने की तैयारी की जा रही है. इलेक्ट्रिक बस की सुविधा के साथ ही यहां एयरपोर्ट जैसा वेटिंग लाउंज बनाया जाएगा.
यह सुविधा मुख्य AIIMS परिसर के शिक्षण ब्लॉक के सामने, साउथ एक्सटेंशन एग्जिट गेट के पास बनेगी. अगले तीन महीने में लाउंज तैयार होने की उम्मीद की जा रही है.
वेटिंग लाउंज में क्या-क्या सुविधाएं मिलेंगी?
प्रस्ताव के मुताबिक, लाउंज में 500 लोगों के बैठने की क्षमता और कम से कम 5,000 लोगों की फ्लोटिंग क्राउड क्षमता होगी. हिन्दुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस सुविधा में उन लोगों के लिए शौचालय, स्नान क्षेत्र, भोजन वेंडिंग मशीनें और खाने के लिए तैयार पका हुआ भोजन होगा, जिन्हें अस्पताल में लंबे समय तक इंतजार करना पड़ता है.
अस्पताल के अधिकारियों ने कहा कि लाउंज का उपयोग करने वाले लोगों को प्रतीक्षा के लिए भुगतान नहीं करना होगा, जबकि भोजन मामूली दरों पर उपलब्ध होगा.
इस मामले से अवगत लोगों ने बुधवार को जानकारी देते हुए कहा कि प्रस्ताव के हिस्से के रूप में अस्पताल ने पिछले सप्ताह एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए, जो अपने कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (CSR) कार्यक्रम के तहत लाउंज का निर्माण करेगा.
एम्स-दिल्ली की मीडिया और संचार प्रभारी डॉ. रीमा दादा ने कहा, ''एएआई हमारे लिए पार्किंग स्थल के नीचे लाउंज का निर्माण करेगा और उन्होंने हमें आश्वासन दिया है कि यह हवाई अड्डों पर लाउंज जैसे अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा करेगा. इसे उनके सीएसआर कार्यक्रम के तहत बनाया जाएगा.''
अस्पताल परिसर के अंदर आंतरिक परिवहन के लिए, एम्स ने 14 इलेक्ट्रिक बसों का उपयोग करने का प्रस्ताव दिया है, जिनके स्टॉप निर्धारित होंगे. डॉ. रीमा दादा ने कहा, "इससे मरीजों और उनकी देखभाल करने वालों को मदद मिलेगी. इस सेवा के लिए भुगतान पूरी तरह से कैशलेस होगा.''
एम्स ने मरीजों और उनके परिचारकों की सुविधा के लिए आईएसबीटी और रेलवे स्टेशनों से परिवहन सुविधाएं शुरू करने और वर्तमान में परिसर के भीतर दी जा रही फेरी सुविधा को नजदीकी मेट्रो स्टेशनों और बस स्टॉप तक विस्तारित करने की भी योजना बनाई है. एम्स के मरीजों और उनके तीमारदारों को लाने और वापस ले जाने के लिए सभी प्रमुख बस स्टेशनों और रेलवे स्टेशनों पर इलेक्ट्रिक बसें तैनात की जाएंगी.
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