Delhi News: देश के सबसे बड़े अस्पताल अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में बड़े से बड़े और असाध्य रोगों का इलाज एलोपैथ के माध्यम से सफलतापूर्वक किया जाता है. लेकिन अब एम्स प्रशासन ने रोगों के उपचार में एक और कदम आगे बढ़ाते हुए योग को भी अपना लिया है. जिसके बाद यहां अब लोगों का योग से भी इलाज किया जाएगा. गठिया अवसाद, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, ग्लूकोमा, कमर दर्द और रीढ़ की बीमारी एएस सहित कई अन्य बीमारियों को इस थेरेपी से ठीक किया जाएगा.
स्टडी में योग को पाया गया असरदार
दरअसल, दिल्ली एम्स में योग पर शोध के लिए एक एकीकृत चिकित्सा और अनुसंधान केंद्र (CIMR) बनाया गया था. जिसमें एम्स के चिकित्सकों का पूरा ध्यान योग पर शोध और उससे होने वाले चिकित्सीय लाभों का वैज्ञानिक साक्ष्य प्राप्त करना था. CIMR में योग पर किए गए शोधों में पता चला कि योग, अवसाद तनाव, ब्लडप्रेशर, डायबिटीज और मोटापे को नियंत्रित करने में काफी असरदार है. साथ ही कमर दर्द, हार्ट के मरीजों के रिहेबिलिटेशन, कोमा बेहोशी (सोवाल सिकोप) सहित कई बीमारियों के इलाज में भी इसे काफी सहायक पाया गया है. जिसे देखते हुए एम्स में योग थेरेपी सेंटर की शुरुआत की गई है.
मरीजों के लिए काफी लाभदायक
स्वामी विवेकानंद योग अनुसंधान संस्थान और एम्स के एकीकृत चिकित्सा और अनुसंधान केंद्र (CIMR) के विशेषज्ञों द्वारा किए गए शोध में यह सामने आया है कि, योग रीढ़ की बीमारी एकीयोलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस (एएस) के इलाज में भी काफी मददगार है. इस शोध में पाया गया कि योग से एंकीयोलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस के मरीजों मानसिक स्वास्थ्य में तो सुधार हुआ ही, उनकी शारीरिक कार्यक्षमता और जीवन की गुणवत्ता भी बेहतर हुई. विशेषज्ञों के अनुसार, नियमित योगाभ्यास एकीयोलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस के मरीजों के लिए काफी लाभदायक है.
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