Delhi NCR Air Pollution: दिल्ली-एनसीआर की हवा लगातार जहरीली होती जा रही है. जहरीली हवा के कारण लोगों को सांस लेने में काफी तकलीफ का सामना करना पड रहा है. आज सुबह गाजियाबाद में एयर क्लाविटी इंडेक्स 400 से अधिक दर्ज किया गया जो काफी खतरनाक है. जहरीली हवा में सांस लेने से गंभीर बीमारियां हो सकती हैं. हवा में स्मॉग के कारण गाजियाबाद में विजिबिलिटी भी महज 300 मीटर तक रही. वायु प्रदूषण अधिक होने के कारण सड़क किनारे इमारतों को देख पाना भी मुश्किल था. गाजियाबाद के रहने वाले अनुराग ने जहरीली हवा से आंखों में जलन होने की शिकायत की.


आनंदविहार में प्रदूषण का हाल


गाजियाबाद से सटे दिल्ली के सबसे प्रदूषित कहे जाने वाले इलाके आनंद विहार में स्थिति और भी बदतर थी. यहां सांस लेना किसी गैस चेंबर में सांस लेने जैसा था. सुबह 11 बजे इलाके का एक्यूआई 470 से ज्यादा था. यहां भी विजिबिलिटी काफी कम होने के कारण सड़क पर 300 मीटर से ज्यादा की दूरी पर देख पाना मुश्किल था. स्थानीय निवासी राघव ने कहा, "प्रदूषण इतना ज्यादा है कि दादा दादी को गांव भेजना पड़ा. मैं खुद अस्थमा का मरीज हूं, इनहेलर लेकर चलना पड़ता है. केजरीवाल को इस समय ऑड इवन लागू करना चाहिए." राघव के परिवार ने प्रदूषित हवा से बचने के लिए पिछले हफ्ते घर में चार एयर प्यूरीफायर लगवाएं हैं ताकि घर के अंदर रहते वायु प्रदूषण से बचा जा सके.


कितना कारगर है स्मॉग टावर


आनंदविहार की हवा बेहद प्रदूषित होने से स्मॉग टावर के पास भी एयर क्वालिटी इंडेक्स 395 है. यहां भी सांस लेने में लोगों को काफी तकलीफ का सामना करना पड रहा है. लोगों ने आंखों में जलन महसूस करने की शिकायत की. स्मॉग टावर को केंद्र सरकार ने 7 सितंबर 2021 को शुरू किया था. टावर को 20 मीटर ऊंचा बनाया गया है. इतनी ऊंचाई से हवा सोखने के बाद इसमें लगे फिल्टर हवा को साफ करते हैं और इसमें लगे 40 पंखे साफ हवा को बाहर फेंकने का काम करते हैं. ये 1 किलोमीटर तक ही काम करता है. स्मॉग टावर के ऑपरेटर ने फोन पर बताया कि इसे 24 घंटे चलाया जाता है. हवा इतनी प्रदूषित ही कि स्मॉग टावर भी उसे साफ नहीं कर पा रहा है.


स्कूल बंद होने के बन रहे आसार


हालात को देखते हुए माना जा रहा है कि दिल्ली-एनसीआर में बच्चों के स्कूल बंद होने की एडवायजरी जल्द जारी हो सकती है. इस तरह बच्चों की एक बार फिर पूरी तरह से ऑनलाइन पढ़ाई होने के आसार बन रहे हैं. सीपीसीबी ने सलाह दी है कि जिन लोगों को आवश्यक कार्य से बाहर जाना पड़ रहा है, वापस घर पहुंचने के बाद तत्काल चेहरे को दो बार साफ पानी और साबुन से धोएं. इसके बाद गुनगुने पानी का ही सेवन करें. सांस लेने में कठिनाई होने पर बगैर देर किए डॉक्टर से परामर्श लें.


कब मिलेगी जहरीली हवा से राहत


केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का आकलन है कि 18 नवंबर तक लोगों को स्थिति से निजात नहीं मिलनेवाली है. सीपीसीबी ने 30 फीसदी तक वाहनों के इस्तेमाल कम करने का सुझाव दिया है. उसका कहना है कि प्रदूषण को कम करने के लिए वर्क फ्रॉम होम के साथ कार पूलिंग को भी बढ़ावा दिया जाए.


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