Delhi Air Pollution: दिल्ली-एनसीआर की हवा धीरे-धीरे और जहरीली होती जा रही है. राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण के बढ़ते खतरों के बीच लोगों का सांस लेना तक मुश्किल हो गया है. पॉल्यूशन का लेवल काफी हद तक बढ़ने के बाद GRAP स्टेज-4 की पाबंदियां लागू कर दी गई है. इसके तहत कई प्रतिबंध लगाए गए हैं.
आईए जानते हैं कि दिल्ली-एनसीआर के लोगों को किन-किन प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा. कई गाड़ियों को बैन कर दिया गया है जबकि कम प्रदूषण वाली कुछ गाड़ियों को लेकर छूट बरकरार रहेगी.
GRAP-4 में किन गाड़ियों पर बैन और किन पर नहीं
दिल्ली में सुबह से ही ट्रकों के एंट्री पर बैन लगा दिया गया और सार्वजनिक परियोजनाओं पर निर्माण कार्य को स्थगित करने सहित प्रदूषण नियंत्रण के कड़े उपाय लागू किए गए हैं. हालांकि जरूरी वस्तुओं को लाने जाने वाले या स्वच्छ ईंधन (एलएनजी/सीएनजी/बीएस-6 डीजल/इलेक्ट्रिक) का इस्तेमाल करने वाले ट्रकों को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति है.
सीएनजी, बीएस-6 डीजल गाड़ियों को छोड़कर, दिल्ली के बाहर रजिस्टर्ड गैर-आवश्यक हल्के कमर्शियल गाड़ियों पर भी बैन रहेगा. आदेश में कहा गया है कि जरूरी सेवाओं को छोड़कर, दिल्ली में रजिस्टर्ड बीएस-4 या उससे पुराने डीजल मध्यम माल गाड़ियों और भारी माल ढोने वाली गाड़ियों पर रोक रहेगी.
हाईवे, सड़क, फ्लाईओवर कंस्ट्रक्शन पर फिलहाल रोक
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के खतरे को देखते हुए GRAP स्टेज-4 के तहत हाईवे, सड़क, फ्लाईओवर, बिजली लाइनें, पाइपलाइनें और अन्य पब्लिक प्रोजेक्ट सहित सभी कंस्ट्रक्शन गतिविधियां फिलहाल रोक दी गई हैं.
'वर्क फ्रॉम होम' की सिफारिश
इसके साथ ही पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एनसीआर में 50 फीसदी क्षमता पर ही दफ्तर संचालित करने और बाकी लोगों से 'वर्क फ्रॉम होम' करने की अनुमति देने की सिफारिश की है. राज्य सरकारें कॉलेज बंद करने, गैर-जरूरी कमर्शियल गतिविधियों को सीमित करने और वाहनों के लिए ऑड-ईवन नियम लागू करने का भी निर्णय ले सकती हैं.
स्कूलों में ऑनलाइन क्लास
दिल्ली सरकार ने सभी स्कूलों में 10वी और 12वीं कक्षा को छोड़कर अन्य सभी क्लास को प्रत्यक्ष रूप से बंद करने के निर्देश दिए हैं. ऑनलाइन क्लास आयोजित करने का सुझाव दिया गया है. राष्ट्रीय राजधानी में 10वीं और 12वीं के बच्चों के लिए मास्क अनिवार्य किया गया है. बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी की AQI सोमवार (18 नवंबर) को अत्यधिक गंभीर श्रेणी में पहुंच गई और यहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 484 दर्ज किया गया.
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