Air Quality In NCR: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु गुणवत्ता (Air Quality) बेहद खराब स्थिति में है और दीवाली (Diwali) से एक दिन पहले ज्यादातर प्रमुख शहरों में यह ‘बेहद खराब’ (Very Poor) की श्रेणी में रही. आज गाजियाबाद का वायु गुणवत्ता सूचकांक (Air Quality Index) 339 दर्ज की गई, जबकि ग्रेटर नोएडा की 272, नोएडा की 314, फरीदाबाद की 325, दिल्ली की 302, बल्लभगढ़ की 214, गुरुग्राम की 332, बागपत की 319, बहादुरगढ़ की 306, बुलंदशहर की 318 और हापुड़ की एक्यूआई 317 रही. पिछले कुछ दिनों में एनसीआर में वायु प्रदूषण की स्थिति खराब हुई है.


गौरतलब है कि शून्य और 50 के बीच एक्यूआई को 'अच्छा', 51 और 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 और 200 के बीच 'मध्यम', 201 और 300 के बीच 'खराब', 301 और 400 के बीच 'बहुत खराब', तथा 401 और 500 के बीच 'गंभीर' माना जाता है. पंजाब, हरियाणा और यूपी में पराली जलाने को प्रदूषण का प्रमुख फैक्टर माना जाता है. प्रदूषण हवाओं के साथ दिल्ली-एनसीआर में पहुंच जाता है, जिससे यहां की वायु गुणवत्ता पर असर पड़ता है. पराली के जलने से मीथेन और कार्बन मोनो ऑक्साइड जैसी गैसों का उत्सर्जन होता है.


जहरीले धुएं की वजह से फेफड़े की समस्या, सांस लेने में तकलीफ, कैंसर समेत अन्य रोग होने का खतरा भी बढ़ जाता है. हवा में धूल के कण और अन्य प्रदूषित गैस होती हैं. ठंड में ये सब तत्व कोहरे में मिलकर काफी नीचे आ जाते हैं. सुबह सैर के लिए निकलने या दौड़ लगाने पर ये प्रदूषित तत्व और गैसें सांस से फेफड़ों तक पहुंच जाती हैं. इससे अस्थमा और सांस की बीमारी होने का जोखिम काफी बढ़ जाता है.


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