Delhi News: दिल्ली के अलीपुर अग्निकांड हादसे में मरे 11 पीड़ितों का दर्द अब एक-एककर बाहर आने का सिलसिला शुरू हो गया है. इस हादसे में यूपी के बृजकिशोर की भी मौत हो गई. वह अपने परिवार का सबसे छोटा सदस्य और कमाने वाला था. 21 वर्षीय बृजकिशोर अगले महीने होने वाली अपने बड़े भाई की शादी के लिए पैसे बचा रहा था. बृजकिशोर की इन योजनाओं का गुरुवार को उस समय दुखद अंत हो गया, जब उत्तरी दिल्ली के अलीपुर में पेंट की एक फैक्टरी में आग लगने से जलकर उसकी दर्दनाक मौत हो गई.


दरअसल, उत्तर प्रदेश के रहने वाले बृजकिशोर उन 11 श्रमिकों में से एक थे, जिनकी गुरुवार देर शाम अलीपुर पेंट फैक्टरी में आग लगने की घटना में जलकर मौत हो गई. जिस समय ये घटना हुई उस समय फैक्ट्री का शटर अंदर से बंद था.


'चाचा को कैसे बताऊं, उनका बेटा इस दुनिया में नहीं रहा'


बृजकिशोर के के चचेरे भाई आशाराम ने पीटीआई से बातचीत के दौरान रुंधी आवाज में पूछा, ‘‘मेरे चचेरे भाई ने कुछ दिन पहले ही फैक्टरी में काम करना शुरू किया था. वह अगले महीने होने वाली अपने बड़े भाई की शादी के लिए पैसे बचा रहा था. मैं उसके माता-पिता को रेलवे स्टेशन से लेने जा रहा हूं. मैं, उन्हें कैसे बताऊंगा कि उनका बेटा आग में जलकर मर गया? ’’


लपटें इतनी तेज थी हम उन्हें नहीं बचा सके


पेंट फैक्ट्री में कुछ दिनों पहले तक काम करने वाले सूरज ने बताया कि खतरनाक रसायनों के संपर्क में आकर मैं बीमार पड़ गया. बीमारी की हालत में फैक्टरी में काम करना छोड़ दिया. सूरज ने कहा, ‘‘अलीपुर अग्निकांड एक भयावह दृश्य था. फैक्टरी के अंदर फंसे लोग चिल्ला रहे थे और शटर पीट रहे थे. आग की लपटें इतनी तेज थीं कि हम उनके करीब नहीं जा सके.’’


बस! मेरा बेटा मुझे लौटा दो


इस हादसे में जान गंवाने वाले 19 वर्षीय शुभम के पिता ने कहा, ‘‘मेरी पत्नी की मृत्यु 14 वर्ष पहले हो गई थी. तब से मैं अपने परिवार की देखभाल कर रहा हूं. शुभम मेरा सबसे छोटा बेटा था. मुझे कोई मुआवजा नहीं चाहिए, बस मेरा बेटा मुझे वापस लौटा दो. ’’


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