Women Reservation Bill पर अलका लांबा का BJP से सवाल, कहा- कांग्रेस और BJP के कानून में अंतर, इनकी मंशा पर हमें शक
Women Reservation Bill News: अलका लांबा ने कहा कि 1984 के बाद 2014 में पहली बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनी. बीजेपी की नीयत में खोट की वजह से महिलाओं को आरक्षण का लाभ नहीं मिला.
Delhi News: महिला आरक्षण बिल (Women Reservation Bill) को लेकर सियासी दलों के नेताओं का बीजेपी (BJP) पर हमला जारी है. अब कांग्रेस कार्यसमिति की सदस्य और दिल्ली के चांदनी चौक से पूर्व विधायक अलका लांबा (Alka Lamba) ने बीजेपी को निशाने पर लिया है. उन्होंने एक टीबी डिबेट में महिला आरक्षण को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा कि बीजेपी महिलाओं को बेवकूफ बनाने पर उतारू है. एक तो साढ़े नौ साल से ज्यादा महिला आरक्षण का इंतजार कराया. अब आरक्षण का बिल लेकर आये भी हैं तो इसे 2024 से लागू नहीं करेंगे.
ये बात वैसी ही हो गई न, खाना है, बीजेपी ने खाने वालों को खाना परोसा भी दिया, लेकिन जिसे भूख लगी है, उसे खाना दिखाकर कहा जा रहा है कि इसे अभी आप खा नहीं सकते. महिला आरक्षण बिल पर बीजेपी और केंद्र सरकार ठीक वैसी ही बात कर रही है. नये संसद के पहले दिन महिला आरक्षण बिल पेश कर दिया, लेकिन महिलाओं को आरक्षण का लाभ 2024 लोकसभा चुनाव में नहीं मिलेगा. इसका लाभ उन्हें 2026 के बाद मिलेगा. जबकि बीजेपी महिलाओं को वोट 2024 में ही हासिल करना चाहती है.
आरक्षण सिर्फ 15 साल के लिए क्यों?
दिल्ली कांग्रेस की नेता अलका लांबा का कहना है कि बीजेपी की नीयत साफ नहीं है. उसने महिला आरक्षण बिल में ऐसे-ऐसे प्रावधान जोड़े हैं, जिसके तहत महिलाओं को आरक्षण का लाभ तत्काल नहीं मिलेगा. लोकसभा चुनाव के बाद पहले जनगणना होगा. उसके बाद सीटों का परिसीमन होगा. ये सब काम साल 2026 के बाद ही पूरा हो पाएगा. ये सब हो भी लाएगा तो आरक्षण का लाभ केवल 15 साल तक मिलेगा. जबकि कांग्रेस की ओर से राज्यसभा में पास महिला आरक्षण विधेयक में महिलाओं को हमेशा के लिए आरक्षण की बातें कही गई हें.
बीजेपी OBC को नहीं देना चाहती आरक्षण का लाभ
उन्होंने कहा कि अगर बीजेपी साल 2010 में राज्यसभा में पारित बिल ही लोकसभा में पेश करती तो, विरोध ही नहीं होता. इतना ही नहीं, इस बिल में कहा गया है कि राज्यसभा और विधान परिषद चुनावों में आरक्षण का लाभ महिलाओं को नहीं मिलेगा. हकीकत यह है कि बीजेपी का लोकतंत्र में भरोसा ही नहीं है. बीजेपी ओबीसी का आरक्षण का लाभ नहीं देना चाहती है.
केंद्र की नीयत में खोट
उनसे जब यह पूछा गया कि जब कांग्रेस ने महिला आरक्षण बिल को 2010 में पास कराया तभी आपकी पार्टी ने कोटे के अंदर ओबीसी के लिए आरक्षण की व्यवस्था क्यों नहीं की. आखिर आरजेडी और सपा ने इस बात पर ही लोकसभा में बिल को पास कराने के लिए साथ नहीं दिया था. इसके जवाब में उन्होंने कहा कि हमारी सरकार पूर्ण बहुमत की सरकार नहीं थी. कांग्रेस सरकार से जितना हो पाया, वो किया गया. 1984 के बाद 2014 में पहली बार पूर्ण बहुमत की सरकार अस्तित्व में आई. साल 2019 में भी बीजेपी को पूर्ण बहुमत मिला, लेकिन बीजेपी की नीयत में खोट है. यही वजह है कि वो महिलाओं आरक्षण के लाभ वंचित रखने के लिए अपने हिसाब से महिला आरक्षण बिल पास कराना चाहती है.