Delhi News: राजधानी दिल्ली में केजरीवाल सरकार और उपराज्यपाल वीके सक्सेना के बीच गतिरोध लगातार जारी है. शुक्रवार को दिल्ली के कैबिनेट मंत्री एलजी दफ्तर के बाहर ही धरने पर बैठ गए. मंत्रियों का आरोप है एलजी सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ काम कर रहे हैं और सेवा सचिव के ट्रांसफर के लिए जो उनके पास फाइल भेजी गई थी उसे दबाकर बैठे हुए हैं और उस पर साइन करने को तैयार नहीं हैं. दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज, आतिशी और कैलाश गहलोत समेत कई नेता शुक्रवार को एलजी से मिलने राजनिवास पहुंचे. हालांकि कुछ देर बार उन्हें अंदर बुला लिया गया और मुलाकात की.


'कोर्ट के फैसले के बावजूद सरकार के काम को रोक रहे हैं LG'
इस मौके पर आतिशी ने कहा कि एलजी साहब पिछले दो दिन से सेवा विभाग के सचिव के ट्रांसफर की फाइल को साइन नहीं  कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जमीन, कानून-व्यवस्था और पुलिस के अलावा सारे अधिकार चुनी हुई सरकार के पास होंगे और एलजी साहब सरकार के निर्णय मानने के लिए बाध्य हैं, इसके बावजूद वो सरकार के काम को रोक रहे हैं, दो-दो दिन तक फाइल साइन नहीं की जा रही है. हम उनसे निवेदन करना चाहते हैं कि वो जल्द से जल्द फाइल को साइन करें और दिल्ली की सरकार के काम को ना रोकें.


'अध्यादेश लाने की तैयारी कर रही केंद्र सरकार'
वहीं आप नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद केंद्र सरकार काफी परेशान और नरवस है, उन्हें डर है  कि अगर अगर चुनी हुई केजरीवाल सरकार के पास पूरा कंट्रोल आ गया, तो केंद्र का दिल्ली की सत्ता पर कब्ज़ा हट जाएगा. उन्होंने कहा कि हमें जानकारी मिली है कि अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश को बाईपास करने के लिए एक केंद्र सरकार और एलजी एक अध्यादेश लाने की तैयारी कर रहे हैं और इसलिए हम एलजी साहब से मिलने आए है, एक ट्रांसफर पोस्टिंग की फाइल पर  साइन करने में आठ से दस दिन कैसे लग सकते हैं.


'दिल्ली सरकार के फैसले को मानने के लिए बाध्य हैं LG'
वहीं आप के मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि सेवा सचिव के ट्रांसफर की फाइल को एलजी साहब के पास भेजे दो दिन हो गए हैं लेकिन अभी तक उन्होंने फाइल पर साइन नहीं किया है. अगर हर फाइल पर इतना समय लगेगा तो दिल्ली सरकार काम कैसे करेगी? उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने साफ कह दिया है कि एलजी साहब दिल्ली सरकार के फैसले को मानने के लिए बाध्य है.


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