Jahangirpuri Violence: उत्तरी-पश्चिमी दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में साम्प्रदायिक हिंसा को एक सप्ताह गुजर चुका है लेकिन इलाके में अभी भी ज्यादातर दुकानें बंद हैं और शनिवार को दुकानदारों ने अपना दुख बयान करते हुए कहा कि पाबंदियों और सड़कों पर बैरिकेड लगे होने के कारण उनका धंधा चौपट हो रहा है.


दुकानें खोलने से किसी को नहीं रोका


गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस ने एक दिन पहले ही स्पष्ट किया है कि वह दुकानें खोलने से नहीं रोक रही है, इसके बावजूद लोगों की शिकायत बनी हुई है. हिंसा से प्रभावित सी-ब्लॉक और आसपास के दुकानदारों का कहना है कि बैरिकेड लगे होने के कारण कारोबार नहीं हो पा रहा है और यही कारण है कि वे दुकानें नहीं खोल रहे हैं. हालांकि, क्षेत्र में लोगों को आवाजाही की कुछ छूट है और स्थानीय लोगों, स्कूली छात्रों को बैरिकेट लगी हुई सड़कों और कुशाल चौक से गुजरते हुए देखा जा सकता है, लेकिन क्षेत्र में वाहनों की आवाजाही पर अभी भी पाबंदी है.


दोनों सम्प्रदायों के लोगों ने की शांति बहाली की घोषणा


‘अमन’ समितियों की बैठक के दौरान दोनों सम्प्रदायों के सदस्यों ने क्षेत्र में शांति बहाली की घोषणा की और सौहार्दपूर्ण तरीके से रहने पर राजी हुए, जिसके बाद इलाके में शांति की स्थिति है. शनिवार को भी सुरक्षा बलों के कर्मी सड़कों पर गश्त करते नजर आए लेकिन उनकी संख्या पहले के मुकाबले काफी कम थी. अमन समिति की शुक्रवार को हुई बैठक में उत्तरी-पश्चमी जिले की डीसीपी ऊषा रंगनानी ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की और स्पष्ट किया कि वह दुकानें खोलने के खिलाफ नहीं हैं. उन्होंने रेखांकित किया, ‘‘मैंने जहांगीरपुरी के एच और जी ब्लॉक में दुकानें खोलने से कभी मना नहीं किया. मुझे नहीं पता कि ये दुकानें क्यों बंद हैं. हम इन ब्लॉकों में दुकानें खोलने और कारोबार करने का समर्थन करेंगे.’’


बैरिकेड्स की वजह से नहीं हो पा रही बिक्री


ज्यादातर दुकानदारों ने बताया कि बैरिकेड्स के कारण बिक्री नहीं हो रही है इसलिए वे अपनी दुकानें नहीं खोल रहे हैं. कुशाल चौक पर मोबाइल की दुकान के मालिक अकबर का आरोप है कि सुबह जब वह दुकान खोलने जा रहे थे तो पुलिस ने उन्हें रोका. उन्होंने कहा, ‘‘मैं सुबह दुकान से कुछ लेने आया था, लेकिन मुझे रोक दिया गया. इसलिए मैं घर लौट गया.’’ अकबर की दुकान के साथ ही अपनी दुकान चलाने वाले सद्दाम का कहना है कि उन्हें जानकारी नहीं थी कि दुकानें खोली जा सकती हैं. दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दोहराया कि क्षेत्र में कारोबार करने से किसी को नहीं रोका जा रहा है.


कुशाल चौक पर ढाबा चलाने वाले मंजीत ने फोन पर पीटीआई को बताया कि सड़कों पर बैरिकेड्स लगे होने के कारण कारोबार नहीं हो पा रहा है और अब वह ईद के बाद ही धंधा शुरू करने की सोच रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘कारीगर अपने गांव चले गए हैं. अभी धंधा शुरू करने का कोई मतलब नहीं है क्योंकि सड़कें अवरुद्ध होने के कारण कोई ग्राहक नहीं आएगा’’ उन्होंने आशा जतायी कि आने वाले दिनों में हालात बेहतर होंगे और दुकानें फिर से खुलेंगी.


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