Amar Jawan Jyoti: अमर जवान ज्योति को युद्ध स्मारक में मिलाने पर विपक्ष हमलावर तो पूर्व सैनिकों ने दिया सरकार का साथ, जानें क्या है पूरा मामला
Amar Jawan Jyoti extinguished: साल 1972 में शहीदों में की याद में दिल्ली स्थित इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति की स्थापना हुई लेकिन आज उसका विलय राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में कर दिया जाएगा.
Amar Jawan Jyoti In Delhi: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अब इंडिया गेट (India Gate Delhi) स्थित अमर जवान ज्योति (Amar Jawan Jyoti) नहीं जलेगी. इसका विलय शुक्रवार को इंडिया गेट से 500 मीटर की दूरी पर स्थित राष्ट्रीय युद्ध स्मारक (National War Memorial) की लौ में कर दिया जाएगा. साल 1972 में इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति की स्थापना की गई थी. इसे पाकिस्तान के खिलाफ हुए युद्ध में शहीद हुए सैनिकों की याद में जलाया गया था.
साल 1972 से हर साल राष्ट्रीय महत्व के दिन जैसे 15 अगस्त, 26 जनवरी को राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री यहां शहीदों के प्रति श्रद्धासुमन अर्पित करते थे. इंडिया गेट पर जल रही अमर जवान ज्योति को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में विलय करने पर नेताओं और पूर्व सैनिकों ने अलग-अलग प्रतक्रिया दी है. वहीं सरकार ने कहा है कि अमर जवान ज्योति को बुझाया नहीं जा रहा है.
समाचार एजेंसी ANI के अनुसार सरकार के सूत्रों ने कहा- 'अमर जवान ज्योति की लौ बुझ नहीं रही है. इसका राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में विलय किया जाएगा. यह बहुत अचरज भरा है कि अमर जवान ज्योति की लौ पर साल 1971 और अन्य युद्धों के शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई लेकिन किसी शहीद का नाम वहां मौजूद नहीं है.'
ज्योति का राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में होना ही सच्ची 'श्रद्धांजलि'- सरकार
सरकारी सूत्रों ने कहा कि इंडिया गेट पर लिखे हुए नाम उन शहीदों के हैं जिन्होंने प्रथम विश्व युद्ध और एंग्लो-अफगान युद्ध में अंग्रेजों के लिए लड़ाई लड़ी थी और यह हमारे औपनिवेशिक इतिहास के प्रतीक की तरह है. राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में सभी शहीदों के नाम लिखे गए हैं इसलिए शहीदों को श्रद्धांजलि देने वाली ज्योति का वहां होना ही सच्ची 'श्रद्धांजलि' है.'
ANI के अनुसार सरकार ने कहा- 'यह चौंकाने वाला है कि जिन लोगों ने 7 दशकों तक राष्ट्रीय युद्ध स्मारक नहीं बनाया, वे अब शोर मचा रहे हैं जब हमारे शहीदों को उचित श्रद्धांजलि दी जा रही है.' वहीं विपक्ष ने सरकार को इस मुद्दे पर घेरा है.
विपक्ष और पूर्व सैनिकों ने क्या कहा?
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर ट्वीट किया. उन्होंने कहा- 'बहुत दुख की बात है कि हमारे वीर जवानों के लिए जो अमर ज्योति जलती थी, उसे आज बुझा दिया जाएगा. कुछ लोग देशप्रेम व बलिदान नहीं समझ सकते- कोई बात नहींं, हम अपने सैनिकों के लिए अमर जवान ज्योति एक बार फिर जलाएंगे!'
वहीं कांग्रेस के लोकसभा सांसद मनीष तिवारी ने कहा- 'जो भी किया जा रहा है वह राष्ट्रीय त्रासदी है और इतिहास को फिर से लिखने की कोशिश हो रही है. अमर जवान ज्योति को युद्ध स्मारक मशाल में मिलाने का सीधा मतलब है कि इतिहास मिटाने की कोशिश हो रही है. बीजेपी की सरकार में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक बना है लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वे अमर जवान ज्योति को बुझा दें.'
भारतीय सेना के पूर्व अधिकारियों ने किया समर्थन
दूसरी ओर भारतीय सेना के कुछ पूर्व अधिकारियों ने अमर जवान ज्योति को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में विलय किए जाने को बड़ा फैसला बताया है. पूर्व डीजीएमओ और रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल विनोद भाटिया ने कहा - आज बड़ा दिन है. इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति का राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के साथ विलय किया जाना अच्छा फैसला है. अमर जवान ज्योति को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में मिलाने का समय आ गया था.
इसके साथ ही रिटायर्ड ब्रिगेडियर चितरंजन सावंत ने कहा 'इंडिया गेट, अंग्रेजों द्वारा निर्मित युद्ध स्मारक है. राष्ट्रीय युद्ध स्मारक साल 1947 से अब तक देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले सैनिकों की याद में बनाया गया . अमर जवान ज्योति का राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में विलय होगा.'
उधर, पूर्व सेना उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल जेबीएस यादव ने कहा कि अमर जवान ज्योति के राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में विलय पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. केंद्र द्वारा की गई हर पहल को राजनीतिक एंगल देने का चलन बन गया है. अमर जवान ज्योति का राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में विलय किया जाना चाहिए. यादव ने कहा कि देश में केवल एक युद्ध स्मारक होना चाहिए.
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