Amar Jawan Jyoti Shifting: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रसिद्ध इंडिया गेट पर 50 सालों से जलने वाली अमर जवान ज्योति आज बुझा दी जाएगी. अब इसे राष्ट्रीय समर स्मारक (नेशनल वार मेमोरियल) पर जलने वाली ज्योति में मिला दिया जाएगा. बता दें कि यह ज्योति पांच दशकों से लगातार जल रही है. आज इसे एक कार्यक्रम के तहत इंडिया गेट से लगभग 400 मीटर दूरी पर स्थित राष्ट्रीय समर स्मारक पर जलने वाली ज्योति में विलय कर दिया जाएगा. इस कदम का कई लोगों ने विरोध भी किया है, जिसमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी शामिल हैं.
क्या है इस अमर जवान ज्योति का इतिहास
अमर जवान ज्योति दिल्ली में इंडिया गेट पर बनी है जिसमें मार्बल की एक सतह पर राइफल बंदूक खड़ी है और उस पर सैनिक का एक हेलमेट भी टंगा है. इसका इतिहास 50 साल पुराना है. दरअसल इसे 1971 में पाकिस्तान के साथ युद्ध में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए बनाया गया था. इसका उद्घाटन 1972 में गणतंत्र दिवस के दिन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने किया था. बता दें कि 2006 तक इसे एलपीजी सिलेंडर से जलाकर रखा जाता था. तभी प्राकृतिक गैस की सप्लाई के लिए एक पाइपलाइन डाली गई.
नेशलस वार मेमोरियल ले जाने की ये है वजह
दिल्ली का नेशनल वार मेमेरियल, इंडिया गेट के पास ही 40 एकड़ में बनाया गया है. यहां स्वतंत्र भारत के इतिहास में अलग-अलग युद्धों और घटनाओं में शहीद हुए 26000 हजार सैनिकों के नाम लिखे गए हैं. बता दें कि इसका उद्घाटन फरवरी 2019 में पीएम मोदी के द्वारा किया गया था. सूत्रों की मानें तो क्योंकि अबतक शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए कोई जगह नहीं थी, इसलिए अमर जवान ज्योति को इंडिया गेट पर रखा गया था. अब नेशनल वार मेमोरियल बन चुका है तो इसे वहां ले जाने में कोई परेशानी नहीं है.
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