(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Delhi: यमुना में अमोनिया का स्तर बढ़ने से दिल्ली के सोनिया विहार, वजीराबाद सहित कई इलाकों में पानी की आपूर्ति हुई बाधित
राजधानी दिल्ली में यमुना में अमोनिया का स्तर बढ़ जाने के कारण कई इलाको में पानी की आपूर्ति बाधित रही. डीजेबी के मुताबिक हरियाणा से औद्योगिक कचरा छोड़े जाने के कारण पानी की सप्लाई प्रभावित हुई है.
दिल्ली जल बोर्ड (DJB) के मुताबिक, यमुना नदी में अमोनिया का स्तर 3 पीपीएम (पार्ट्स प्रति मिलियन) तक बढ़ने से शहर के कई इलाकों में पानी की आपूर्ति बाधित हो गई है. शहर के आठ ट्रीटमेंट प्लांट में से पांच से पानी का ट्रीटमेंट और पंपिंग प्रभावित हुई है, जिसके परिणामस्वरूप आपूर्ति काफी बाधित रही है. जिन इलाकों में पानी की सप्लाई में दिक्कत आई उनमें सोनिया विहार, भागीरथी, वजीराबाद, चंद्रावल और ओखला वाटर ट्रीटमेंट प्लांट हैं.
दिल्ली जल बोर्ड की ओर से जारी बयान में कहा गया था कि शनिवार को शाम को और रविवार को सुबह और शाम को पानी की आपूर्ति प्रभावित होगी. जो क्षेत्र प्रभावित होंगे उनमें पूर्वी दिल्ली, पूर्वोत्तर दिल्ली, दक्षिणी दिल्ली, नई दिल्ली नगर परिषद क्षेत्र के कुछ हिस्से और बुराड़ी, मॉडल टाउन, जहांगीरपुरी, कमला नगर, करोल बाग, सिविल लाइंस, सरिता विहार, वसंत कुंज, मूलचंद और ग्रेटर कैलाश शामिल हैं.
हरियाणा से औद्योगिक कचरा छोड़े जाने से आपूर्ति हुई बाधित
दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राधव चड्ढा ने एक बयान जारी कर कहा कि हरियाणा से काफी मात्रा में सीवेज और औद्योगिक कचरा छोड़े जाने के चलते दिल्ली के जल शोधन संयत्रों में उत्पादन प्रभावित हुआ. उन्होंने ट्वीट कर ये भी कहा, “ हम यमुना नदी में अमोनिया के लेवल को कंट्रोल करने के लिए हरियाणा के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. दिल्ली जल बोर्ड आपूर्ति को जल्द बहाल करने और अमोनिया के स्तर को नीचे लाने के लिए सभी प्रयास कर रहा है.
BIS मानक पीने के पानी के लिए 0.5 PPM की अनुमति देते हैं
वहीं दिल्ली जल बोर्ड एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, अमोनिया नदी में प्रदूषण का सूचक है और शनिवार को इसका स्तर लगभग 2.2 पीपीएम (पार्ट्स प्रति मिलियन) था. उन्होंने कहा कि "यह ट्रीटमेंट के लिए एक हाई लेवल है और पांच प्लांट ने हिट लिया है. बीआईएस मानक पीने के पानी के लिए लगभग 0.5 पीपीएम की अनुमति देते हैं. ” अधिकारी ने आगे कहा कि, “क्लोरीन, जिसका उपयोग पानी को कीटाणुरहित करने के लिए किया जाता है वह अमोनिया को भी बेअसर करता है, लेकिन अमोनिया के उच्च स्तर का मतलब है कि अमोनिया के साथ रिएक्शन के माध्यम से बनने वाले क्लोरीन बाय प्रोडक्ट, जैसे क्लोरमाइन, हाई होंगे. ये बायप्रोडक्ट पीने के पानी में सुरक्षित नहीं हैं. ”
दिवाली और छठ पूजा के आस-पास अमोनिया का हाईलेवल देखा जाता है
उन्होंने कहा कि “हम आम तौर पर दिवाली और छठ पूजा के आसपास अमोनिया के उच्च स्तर को देखते हैं, जब कार्यालय बंद होते हैं और प्रवर्तन कम होता है, हालांकि पूर्व में लेवल 3 पीपीएम जा चुका है, 2 पीपीएम से अधिक अमोनिया का स्तर आमतौर पर दुर्लभ है.”उन्होंने कहा कि आपूर्ति सामान्य स्तर पर तभी बहाल की जा सकती है जब वजीराबाद बैराज के माध्यम से पर्याप्त पानी छोड़ा जाए. उन्होंने कहा कि चूंकि गंगा नहर में काम चल रहा है, सोनिया विहार और भागीरथी जल शोधन संयंत्र भी यमुना पर निर्भर हैं, जिससे पांच संयंत्र प्रभावित हुए हैं. ये दो प्लांट आमतौर पर यमुना में अमोनिया के स्तर से प्रभावित नहीं होते हैं.
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