Lok Sabha Elections 2024: दिल्ली में कांग्रेस की बैठक के बाद अनिल चौधरी की विदाई तय? जल्द हो सकता है नए प्रदेश अध्यक्ष का ऐलान!
Congress Meeting: बैठक में वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी को नहीं बुलाया गया. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, बैठक में मौजूद अलग-अलग नेताओं से चर्चा में नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम पर चर्चा की गई.
Delhi News: 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए सियासी जमीन तैयार करने के लिए सभी राजनीतिक पार्टियां मैदान में उतर चुकी हैं. इसी कड़ी में बुधवार शाम 7 बजे राजधानी दिल्ली स्थित AICC में कांग्रेस की बैठक बुलाई गई थी. इस बैठक की खास बात यह रही कि इसमें दिल्ली के चुनिंदा नेताओं को बुलाया गया, जिनके साथ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया ने बैठक की.
दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष के नाम की चर्चा
इस बैठक में दिल्ली कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अजय माकन, सुभाष चोपड़ा, जय प्रकाश अग्रवाल और मनीष चतरथ जैसे नेताओं के साथ अलग-अलग बैठ कर चर्चा की गई. हैरान करने वाली बात यह है कि इस बैठक में वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी को नहीं बुलाया गया था. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, बैठक में मौजूद अलग-अलग नेताओं से चर्चा में नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम पर चर्चा की गई. जिसमें सभी नेताओं ने संभवतः अरविंदर सिंह लवली या देवेंद्र सिंह यादव में से किसी को यह जिम्मेदारी देने की वकालत की है. सूत्रों की मानें तो जल्द ही इन दोनों में से किसी एक के नाम की घोषणा दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष के रूप में हो सकती है. हालांकि, इस बारे में अभी तक कोई भी नेता आधिकारिक रूप से कुछ भी बोलने से बच रहे हैं.
प्रदेश अध्यक्ष को लेकर पार्टी में असंतोष
बता दें कि, वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी की कार्यप्रणाली से पार्टी कर कार्यकर्ता और नेता खुश नहीं हैं. दिल्ली नगर निगम चुनाव में कांग्रेस की करारी हार से पार्टी में काफी असंतोष और रोष का माहौल है. जिसे लेकर पार्टी आलाकमान ने कल शाम वन-टू-वन चर्चा की. संभव है कि जल्दी ही इसे लेकर पार्टी की तरफ से कोई आधिकारिक घोषणा की जा सकती है. वहीं, बैठक में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन को लेकर भी चर्चा की गई. जिसमें आलाकमान समेत सभी नेताओं ने इसकी खिलाफत की. पार्टी का मानना है कि, मतदाताओं का वापस से रुझान कांग्रेस पार्टी की तरफ हो रहा है, जबकि आम आदमी पार्टी की विश्वसनीयता पर असर पड़ा है, खास तौर पर पिछ्ले एक साल में आप का ग्राफ काफी नीचे आया है. ऐसे में कांग्रेस के आलाकमान समेत सभी नेताओं का मानना है कि पार्टी को आप के साथ गठबंधन करने से बचना चाहिए.