Delhi News: सर्दियों में होने वाली वायु प्रदूषण (Air Pollution) की समस्या से निजात पाने के लिए दिल्ली सरकार (Delhi Government) 15 फोकस बिंदुओं पर आधारित विंटर एक्शन प्लान बना रही है. पर्यावरण मंत्री गोपाल राय (Gopal Rai) ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि इसको लेकर संबंधित 30 विभागों के साथ 5 सितंबर को संयुक्त बैठक हुई थी, सभी विभागों को 15 सितंबर तक पर्यावरण विभाग को विंटर एक्शन प्लान के तहत विस्तृत कार्य योजना सौंपने के निर्देश दिए गए हैं.
वायु प्रदूषण को किया गया चार भागों में विभाजित
राय ने कहा कि सभी विभागों ने रिपोर्ट सौंप दी थी जिसके आधार पर विंटर एक्शन प्लान तैयार हो गया है. राय ने कहा कि विंटर एक्शन प्लान को सीएम केजरीवाल 30 सितंबर को लोगों के समक्ष रखेंगे. इसके आधार पर वायु प्रदूषण से निपटने की कोशिश की जाएगी.राय ने कहा कि इस बार कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) की तरफ से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) में कुछ परिवर्तन किये गए हैं.
उन्होंने बताया कि दिल्ली में पहले साल 2018 से इमरजेंसी रिस्पांस सिस्टम लागू किया जा रहा था, जिसका आधार वायु में पीएम 2.5 और पीएम 10 की मात्रा हुआ करती थी और उसी के आधार पर प्रदूषण के स्तर को पांच वर्गों मॉडरेट, खराब, बहुत खराब, घातक और बहुत घातक में विभाजित किया गया था, लेकिन अब इसे संशोधित किया गया है अब प्रदूषण के स्तर को चार वर्गों खराब (AQI 201-300), बहुत खराब (AQI 301-400), घातक (AQI 401-450), बहुत घातक (AQI 450 से ज्यादा) में विभाजित किया गया है.
निर्माण साइट पर एंटी स्मोग गन को लेकर बदले गए नियम
पर्यावरण मंत्री ने बताया कि अब वायु गुणवत्ता खराब होने से पहले पूर्वानुमानों के आधार पर 3 दिन पहले GRAP लागू किया जाएगा. उन्होंने बताया कि पहले केवल 20 हजार वर्ग मीटर से ऊपर के निर्माण साइट पर एंटी स्मोग गन लगाने का नियम था, लेकिन अब 5 हजार वर्गमीटर या उससे अधिक की निर्माण साइट पर एंटी स्मोग गन लगाना होगा. जो निर्माण इकाइयां नियमों का पालन नहीं करेंगी उन पर कार्रवाई की जाएगी.
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