GRAP की पाबंदियों से दिल्ली को राहत! शुरु हो सकता है कमर्शियल निर्माण, स्कूल खुलने पर फैसला आज
दिल्ली-NCR में प्रदूषण की धुंध हल्की पड़ने लगी है. शनिवार और रविवार को हवाएं चलने से थोड़ी राहत भले ही मिली है, लेकिन AQI अभी भी लाल है.पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं की संख्या 599 हो गई.
GRAP In Delhi : केंद्र के वायु गुणवत्ता आयोग ने ‘ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान’ (जीआरएपी) के अंतिम चरण के तहत दिल्ली-एनसीआर में गैर-बीएस छह डीजल से चलने वाले हल्के मोटर वाहनों और ट्रकों के राजधानी में प्रवेश करने पर लगाये गए प्रतिबंध को हटाने का निर्देश रविवार को प्राधिकारियों को दिया. प्रतिबंध तीन दिन पहले लगाये गए थे.
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) के एक आदेश में कहा गया है, ‘‘चूंकि दिल्ली का वर्तमान एक्यूआई स्तर 339 के आसपास है, जो जीआरएपी चरण-चार उपाय लागू करने के लिए अधिकतम सीमा से 111 एक्यूआई बिंदु नीचे है और चरण- चार तक सभी चरणों के तहत सभी निवारक/शमन/प्रतिबंधात्मक उपाय अपनाये जा रहे हैं, इसलिए एक्यूआई में सुधार बने रहने की उम्मीद है.’’
उसने कहा, ‘‘भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) या आईआईटीएम के पूर्वानुमान में स्थिति में तेजी से गिरावट का संकेत नहीं है.’’ आयोग ने कहा, ‘‘इसलिए उप-समिति जीआरएपी के चरण- चार के तहत उपायों के लिए तीन नवंबर, 2022 को जारी आदेश को तत्काल प्रभाव से वापस लेने का निर्णय लेती है.’’ हालांकि, जीआरएपी के चरण एक से तीन के तहत उपाय लागू रहेंगे और पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में सभी संबंधित एजेंसियों द्वारा लागू किये जाएंगे, उनकी निगरानी की जाएगी और समीक्षा की जाएगी ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि एक्यूआई का स्तर आगे 'गंभीर' श्रेणी में नहीं आए.
दिल्ली में लगी थी इन चीजों पर रोक
दिल्ली में 5वीं कक्षा तक के सभी स्कूल बंद कर दिए गए थे. 5वीं से ऊपर कक्षाओं के लिए आउट डोर एक्टिविटी पर रोक लगाई गई थी. सरकारी दफ्तरों में आधी क्षमता के साथ कामकाज के आदेश जारी हुए थे, वो भी रद्द हो सकते हैं. इसके अलावा कमर्शियल निर्माण पर लगी रोक भी हट सकती है. इसके अलावा डीजल वाहनों पर भी पाबंदी लगाई गई थी, वो भी हट सकती है. अभी तक सिर्फ जरूरी सेवाओं वाले डीजल वाहन और बीएस-6 वाली डीजल गाड़ियों को दिल्ली में एंट्री मिल रही है.
ये तमाम पाबंदियां तीन दिन पहले लगाई गई थी. जब दिल्ली का AQI मीटर 450 के पार, अति गंभीर श्रेणी में पहुंच गया था. तब कमिशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट ने डेड रिस्पांस एक्शन प्लान यानी GRAP के लेवल-फोर की पाबंदियों का ऐलान किया था. लेकिन अब हवा की क्वालिटी में सुधार के बाद उन्हें हटाकर GRAP-3 के तहत एहतियाती कदम उठाए जाने का निर्देश दिया है. जिसको लेकर आज दिल्ली सरकार की अहम बैठक होनी है, जिसमें 5वीं तक के स्कूलों को फिर खोलने और 50 फीसदी कर्मचारियों के वर्क फ्रॉम होम के आदेश को रद्द करने को लेकर फैसला लिया जा सकता है.
चौबीस घंटे का औसतएक्यूआई शाम चार बजे 339
दिल्ली के वायु प्रदूषण का स्तर रविवार को 'बहुत खराब' श्रेणी के निचले छोर तक मामूली रूप से सुधरा. यह मुख्य रूप से अनुकूल हवा की गति और पराली जलाने के योगदान में गिरावट के कारण हुआ. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार चौबीस घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) शाम चार बजे 339 था, जो एक दिन पहले 381 था. यह शुक्रवार को 447 था.यह बृहस्पतिवार को 450 पर पहुंच गया था, जो 'गंभीर प्लस' श्रेणी से एक पायदान कम था.
भारतीय कृषि अनुसंधान संगठन (आईएआरआई) के आंकड़ों से पता चलता है कि पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं की संख्या एक दिन पहले 2817 से तेजी से घटकर 599 हो गई. पृथ्वी एवं विज्ञान मंत्रालय के तहत आने वाली एक पूर्वानुमान एजेंसी ‘सफर’ के अनुसार, दिल्ली के पीएम2.5 प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी भी शनिवार को 21 प्रतिशत से घटकर 18 प्रतिशत रह गई.
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के मुताबिक, दिवाली के बाद पिछले 50 दिनों में पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं साल दर साल आधार पर 12.59 फीसदी बढ़कर 26,583 हो गई हैं. आंकड़ों में कहा गया है कि इसकी तुलना में हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश और दिल्ली में पराली जलाने की घटनाएं इस साल 15 सितंबर से चार नवंबर के बीच कम रही.
सरकार 'पर्यावरण बस सेवा' भी शुरू करेगी
खतरनाक प्रदूषण के स्तर ने दिल्ली सरकार को शुक्रवार को यह घोषणा करने के लिए प्रेरित किया कि प्राथमिक स्कूल शनिवार से बंद रहेंगे और उसके 50 प्रतिशत कर्मचारी घर से काम करेंगे, जबकि निजी कार्यालयों को इसका पालन करने की सलाह दी गई है. सार्वजनिक परिवहन में तेजी लाने के लिए, सरकार 'पर्यावरण बस सेवा' भी शुरू करेगी, जिसमें 500 निजी तौर पर चलने वाली सीएनजी बसें शामिल होंगी.
वाहनों के उत्सर्जन को कम करने के लिए, दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने उत्तर प्रदेश और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों से अपील की कि वे राजधानी की सीमाओं पर यातायात जाम से बचने के लिए गैर-जरूरी सामान ले जाने वाले ट्रकों को पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे की ओर मोड़ने के लिए उपाय करें. केजरीवाल ने कहा था कि अगर जरूरत पड़ी तो सम-विषम कार योजना लागू की जाएगी और इस पर चर्चा जारी है.