Delhi News: 2020 के दिल्ली दंगों की साजिश मामले में आरोपी उमर खालिद की जमानत याचिका के मामले में शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट में दलील पूरी की. उमर खालिद के वकील ने हाईकोर्ट के सामने दलील दी कि खालिद के खिलाफ हिंसा या धन जुटाने का कोई आरोप नहीं है.
वकील त्रिदीप पेस ने जस्टिस नवीन चावला और जस्टिस शलिंदर कौर की बेंच के सामने दलील दी कि मामले में बाकी के आरोपियों की तरह खालिद भी विचाराधीन कैदी के रूप में लंबे वक्त तक जेल में रहने के आधार पर जमानत की मांग कर रहे हैं. इसके अलावा खालिद के वकील ने ये भी दलील दी कि वह मामले में पहले से ही जमानत पा चुके चार सह-आरोपियों के साथ समानता का भी दावा कर रहें हैं.
‘खालिद ने हिंसा का आह्वान नहीं किया’
वकील त्रिदीप पेस ने आगे कहा कि खालिद की ओर से एकमात्र प्रत्यक्ष कृत्य महाराष्ट्र के अमरावती में दिया गया भाषण था, इस भाषण में भी खालिद की ओर से हिंसा का आह्वान नहीं किया गया है. यह भाषण अहिंसा के गांधीवादी सिद्धांतों का आह्वान करने वाला भाषण है जिसमें कहा गया कि हमें इस कानून (नागरिकता संशोधन अधिनियम) का विरोध करना चाहिए. आपको बता दें कि उमर खालिद को सितंबर 2020 में गिरफ्तार किया गया था और उसपर दिल्ली दंगों की आपराधिक साजिश, दंगा, गैरकानूनी सभा के साथ-साथ UAPA के अलावा बाकी कई अपराधों का आरोप लगाया गया था. तभी से खालिद जेल की सलाखों के पीछे हैं.
17 दिसंबर को होगी मामले की अगली सुनवाई
ये दूसरी बार है जब खालिद ने जमानत के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. पहली बार मार्च 2022 में ट्रायल कोर्ट ने खालिद को जमानत देने से इनकार कर दिया था. जिसके बाद अक्टूबर 2022 में खालिद ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया तो हाईकोर्ट ने उसे राहत देने से इनकार कर दिया था. वहीं अब शुक्रवार को उमर खालिद की ओर से सभी दलीलें पूरी कर ली गई. जस्टिस नवीन चावला की बेंच में मामले की अगली सुनवाई 17 दिसंबर को करने का आदेश दिया है.
यह भी पढ़ें: येलो लाइन की मेट्रो को नरेला तक बढ़ाने की मांग, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल को सौंपा ज्ञापन