IITF 2022: अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में फैली है राज्यों की संस्कृति और कला, इस तारीख तक ले सकते हैं आनंद
Delhi Vyapar Mela 2022: 'वोकल फॉर लोकल, लोकल फॉर ग्लोबल' की थीम पर आधारित यह अंतरराष्ट्रीय मेला भारत की विविधता में एकता को भी दर्शा रहा है. इसमें सरकारी मंत्रालयों की योजनाओं को भी दिखाया गया है.
दिल्ली के प्रगति मैदान में 14 नवंबर से 27 नवंबर तक अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले का आयोजन किया जा रहा है. इसे देखने के लिए दिल्ली और आसपास के शहरों के लोग भारी संख्या में पहुंच रहे हैं. यह ट्रेड फेयर में भारत के सभी राज्यों की अद्भुत झाकियां देखने को मिल रही हैं. मेले को 19 नवंबर से 27 नवंबर तक यह आमजन के लिए खोल दिया गया है. भारी संख्या में लोग टिकट खरीद कर प्रगति मैदान में चल रहे अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में पहुंच रहे हैं. इसमें उन्हें राज्यों के कारीगरों के कारीगिरी की अद्भुत चमक देखने को मिल रही है. इस व्यापार मेले में सभी राज्यों की विशेषता को दर्शाने के लिए बने पवेलियन भी लोगों को आकर्षित कर रहे हैं.
पंजाब
कृषि क्षेत्र, नृत्य और खान-पान के लिए मशहूर पंजाब पवेलियन में पंजाबियत की झलक देखने को मिली. वहां पर पंजाबी पोशाक में भांगड़ा करते लोग दिखे. वहीं पंजाब की मशहूर लस्सी, आधुनिक वैज्ञानिक यंत्र सहित कृषि उत्पादों के मॉडल देखने को लोग उत्साह के साथ पहुंच रहे हैं.
केरल
ईश्वर की धरती के रूप में पहचाने जाने वाले केरल के पैवेलियन में राज्य की झलकियां देखने को मिल रही हैं. यहां के तटवर्ती क्षेत्र की समृद्ध संस्कृति को बखूबी दर्शाया गया है. मसाला, जड़ी-बूटी, वस्त्र उद्योग और नाव संचालन से जुड़े विषयों को एक मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया गया है.
उत्तराखंड
देव भूमि उत्तराखंड अपने धार्मिक पर्यटन के लिए भारत सहित पूरे विश्व में प्रसिद्ध है. दिल्ली के इस अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले के राज्य के पवेलियन में लोग उत्तराखंड की संस्कृति की अद्भुत झलक देखने के लिए दूर-दूर से आ रहे हैं. यहां के पारंपरिक साल, टोपी, जड़ी-बूटी औषधि को खरीदने के लिए लोग काफी उत्साहित हैं. उत्तराखंड पवेलियन देखने आईं गरिमा और आस्था ने बताया कि एक समय के लिए ऐसा लग रहा है जैसे हम उत्तराखंड में ही हैं. यहां के कलाकारों और आयोजकों ने बहुत ही अच्छी तरह से उत्तराखंड की संस्कृति को दर्शाया है.
गुजरात
भारत के व्यापार का बड़ा केंद्र गुजरात है. प्रगति मैदान में लगे व्यापार मेले में गुजरात के पवेलियन में वस्त्र उद्योग, खानपान, औषधियों के अलावा नवीनतम तकनीक के कुछ यंत्र भी देखने को मिले. इसको देखने के लिए दिल्ली सहित दूसरे राज्यों के लोग भी उत्साह के साथ पहुंचे. उस पवेलियन में मौजूद दुकानदारों द्वारा गुजराती भाषा में ही आए ग्राहकों को प्रभावित करने के लिए गुजराती संस्कृति का विचार भी रखा जा रहा था.
मध्य प्रदेश
बदलते दौर में मध्य प्रदेश नई ऊंचाइयों को छू रहा है. राज्य के स्टार्टअप स्कीम और सरकार की योजनाओं समेत मध्य प्रदेश के पारंपरिक वस्त्र और खानपान को यह केवल मध्य प्रदेश पवेलियन में रखा गया है. एक कारीगर अब्दुल ने बताया कि हाथों से बने हुए वस्त्रों को इस पवेलियन में रखा गया है. इन कपड़ों को खरीदने के लिए लोगों में खासा उत्साह है. इन कपड़ों के दाम भी बाजार की तुलना में काफी कम हैं.
मेले की थीम
'वोकल फॉर लोकल, लोकल फॉर ग्लोबल' की थीम पर आधारित यह अंतरराष्ट्रीय मेला भारत की विविधता में एकता को भी दर्शा रहा है. मेले में सरकार के विभिन्न मंत्रालयों की योजनाओं और बदलते भारत की तस्वीर और दक्षिण से लेकर उत्तर तक के भारत के राज्यों की विशेषता को बेहतरीन ढंग से मेले में पेश किया गया है.
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