Arvind Kejriwal News: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आबकारी नीति के मामले में ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है. ऐसे में अब जेल ही दिल्ली की सरकार चलाने का मुद्दा बहस का विषय बन गया है. तिहाड़ जेल के टॉप सोर्सेज के मुताबिक, जेल से सरकार चलाने का कोई प्रावधान जेल मैनुअल में नहीं है. जेल मैनुअल के मुताबिक ही सब कुछ होगा. दरअसल, आप नेता ये दावा कर रहा है कि सीएम केजरीवाल जेल से ही सरकार चलाएंगे और वो इस्तीफा नहीं देंगे.


दिल्ली आप के विधायक दिलीप पांडे ने भी कहा कि सीएम केजरीवाल जहां रहेंगे, वहां से सरकार चलेगी. चाहे वह जेल में ही रहें. उन्होंने कहा कि बीजेपी जांच एजेंसियों का दुरूपयोग कर रही है. इसीलिए अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया है. बीते सालों में ईडी ने बहुत सारे नेताओं को अरेस्ट किया है लेकिन कोर्ट में ईडी कोई सबूत पेश नहीं कर पाई है. 


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जेल मैनुअल के मुताबिक क्या होता है?


सूत्रों के मुताबिक, जेल मैनुअल के अनुसार दिल्ली की जेलों में हफ्ते में दो बार मुलाकात करवाते हैं. चाहे अंडर ट्रायल हो या फिर कनविक्ट हों. जैसे ही प्रिजनर जेल में आता है उसको नाम देने होते हैं कि वह किस-किस से मिलना चाहेगा. 10 लोगों के नाम उसे देने होते हैं. जो 10 लोगों के वह नाम देगा, उनमें से ही कोई जेल में टेलीफोन करेगा. उसे टेली बुकिंग कहते हैं. वह वहां बतायेगा कि वह किस तारीख को प्रिजनर से मिलने के लिए आना चाहता है. जेल ऑपरेटर उसको बताता है कि हां इस दिन आ जाइए ताकि उसको कन्वीनियंस रहे.


मुलाकात के लिए एक जंगला होता है


एक बार मुलाक़ात में तीन मुलाकाती जेल में आकर मिल सकते हैं. मुलाकात के लिए एक जंगला होता है. जंगले में एक तरफ तो प्रिजनर खड़ा होता है. एक तरफ उसके मिलने वाले खड़े होते हैं और बीच में आयरन ग्रिल और जाली होती है जिसे कोई भी प्रोहिबिटेड चीज उसमें पास ओवर न होजेल में कैदी से मुलाकात का समय सुबह 9:30 बजे शुरू हो जाती है और ये दोपहर 12:30 तक मुलाकात चलती है. मतलब 3 घंटे तक यह मुलाकात होती है.


जेल सुपरिटेंडेंट की शक्तियां


सूत्रों के मुताबिक जेल सुपरिटेंडेंट को पावर है. वह सबको बताता है और उसी समय पर मुलाकात होती है. किस जगह पर मुलाकात करवानी है, वह भी यह सुपरिटेंडेंट की डिस्क्रिप्शन होती है. अगर किसी को सिक्योरिटी का खतरा है. कोई वीआईपी है और उसे ये खतरा है कि कोई आदमी उसको नुकसान पहुंचा सकता है तो उसके लिए खास इंतजाम किए जा सकते हैं. उसे किसी भी जगह जैसे देओडी में मुलाकात करवा सकते हैं.


फ़ाइल साइन नहीं कराई जा सकती


जहां तक फाइलें साइन करने की बात है तो जेल से फ़ाइल साइन नहीं कराई जा सकती. सुपरिंटेंडेंट के ऊपर है कि अगर कोई इंपॉर्टेंट फाइल साइन करनी है तो जेल सुपरिटेंडेंट अलाउ कर सकता है. लेकिन सरकार नही चलाई जा सकती.