Delhi News: संसद के दोनों सदनों से दिल्ली अध्यादेश विधेयक पास होने के बाद सीएम अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने अपने ट्वीट में कहा, 'मैंने पहले ही कहा था कि प्रधान मंत्री जी देश के सुप्रीम कोर्ट को भी नहीं मानते. उनका संकेत साफ है. सुप्रीम कोर्ट का जो आदेश उन्हें पसंद नहीं आएगा, उसे वो संसद में कानून लाकर उसे बदल देंगे. यदि पीएम नरेंद्र मोदी खुलेआम सुप्रीम कोर्ट को नहीं मानते तो ये बेहद खतरनाक स्थिति है.'


दिल्ली के सीएम के मुताबिक, 'सुप्रीम कोर्ट ने एक निष्पक्ष कमेटी बनाने की बात की थी, जो निष्पक्ष चुनाव आयुक्तों का चयन करती, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश को बदलकर मोदी जी ने ऐसी कमेटी बना दी जो उनके कंट्रोल में होगी. अब वो अपने मन पसंद व्यक्ति को चुनाव आयुक्त बना सकेंगे. पीएम के इस रुख से चुनावों की निष्पक्षता प्रभावित होगी. पीएम एक के बाद एक निर्णयों से भारतीय जनतंत्र को कमजोर करते जा रहे हैं.' अपने ट्वीट में अरविंद केजरीवाल आगे कहते हैं कि प्रधान मंत्री जी द्वारा प्रस्तावित चुनाव आयुक्तों की चयन कमेटी में दो बीजेपी के सदस्य होंगे और एक कांग्रेस का. जाहिर है कि जो चुनाव आयुक्त चुने जाएंगे, वो बीजेपी के वफादार होंगे.



EC की निष्पक्षता पर उठाए सवाल


बता दें कि केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार के बीच कई मुद्दों पर मतभेद की वजह से लंबे अरसे से तनातनी जारी है. हाल ही में दिल्ली अध्यादेश दोनों सदनों से पास होने के बाद से आप और बीजेपी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला पहले से ज्यादा तेज हो गया है. पिछले तीन दिन ने आप सांसद राघव चड्ढा के एक प्रस्ताव पर तथाकथित फर्जी हस्ताक्षर को लेकर बीजेपी नेता हमलावर रुख अपनाए हुए हैं. अब दिल्ली के सीएम इसके जवाब में चुनाव आयोग की निष्पक्षता को लेकर गठित एक कमेटी को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी पर हमला बोल दिया है. उन्होंने चुनाव आयोगों के चयन करने वाली कमेटी में दो बीजेपी के लोगों को रखने पर सवाल उठाए हैं. 


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