Delhi News: सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की जमानत पर दिल्ली हाई कोर्ट (High Court) ने मंगलवार (25 जून) को रोक लगा दी. इस पर आम आदमी पार्टी ने कहा कि हम इस फैसले से असहमत हैं. हम सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में इस आदेश को चुनौती देंगे. बेल के आदेश को इस तरह से रोका नहीं जा सकता, कल सुप्रीम कोर्ट ने भी माना है.
मामले में सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट की वेकेशन बेंच के जज जस्टिस सुधीर कुमार जैन ने कहा कि निचली अदालत प्रवर्तन निदेशालय द्वारा उसके सामने रखे गए मटीरियल का मूल्यांकन करने में विफल रही. हाई कोर्ट ने कहा कि निचली अदालत ने आप नेता की जमानत याचिका पर फैसला करते समय अपने दिमाग का इस्तेमाल नहीं किया. जस्टिस जैन ने यह भी कहा कि निचली अदालत को ईडी को अपना पक्ष रखने के लिए पर्याप्त समय देना चाहिए था.
एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ने फैसले पर दी यह प्रतिक्रिया
उधर, हाई कोर्ट के फैसले पर एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा, ''यह अच्छी तरह से सोच-विचार कर लिया गया निर्णय है और निचली अदालत के वेकेशन जज के फैसले के जिस हिस्से को उठाया गया था, वह गलत था और सुप्रीम कोर्ट के कई निर्णयों के विपरीत था.''
बता दें कि सीएम केजरीवाल को निचली अदालत ने जमानत दे दी थी. जमानत को ईडी ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी जिसके बाद हाई कोर्ट ने सुनवाई पूरी होने तक निचली अदालत के फैसले पर रोक लगा दी गई थी. वहीं, इस बीच आप ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. सुप्रीम कोर्ट ने जमानत के आदेश पर अंतरिम रोक को हटाने से इनकार करते हुए कहा था कि पहले दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले का इंतजार करना चाहिए.
फिर सुप्रीम कोर्ट जाएगी आप
उधर, हाई कोर्ट ने जमानत पर रोक के आदेश को बरकरार रखा है. ऐसे में अब आप कल यानी 26 जून को सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगी. उधर, सीएम अरविंद केजरीवाल के वकील प्रतिक्रिया देते हुए कह कि जब एक बार जमानत दे दी जाती है तो इसमें स्टे नहीं होता है. हम सुप्रीम कोर्ट में अपनी दलील रखेंगे.
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