Arvind Kejriwal On Ayushman Bharat: आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार (30 अक्टूबर) को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सभी को प्रकाश पर्व दिवाली की बधाई दी. इस मौके पर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि वे दिल्ली के हेल्थ मॉडल को पूरे देश में लागू करें.
आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने आयुष्मान योजना को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा, "मेरा नहीं, सीएजी का कहना है कि इस योजना में बहुत सारे घोटाले हैं. आयुष्मान योजना में अस्पताल में भर्ती होने के बाद मरीजों को पांच लाख रुपये तक का इलाज फ्री मिलता है. जबकि दिल्ली सरकार की हेल्थ स्कीम के तहत सारा इलाज फ्री है."
'दिल्ली हेल्थ स्कीम में कोई लिमिट नहीं'
दिल्ली सरकार की हेल्थ स्कीम में कोई लिमिट नहीं है. ओपीडी से लेकर आईपीडी व अन्य सभी तरह के उपचार का खर्च आप सरकार करती है. मरीज को पांच रुपये की क्रोसिन से लेकर लाखों रुपये का बिल दिल्ली सरकार खर्च करती है. हमारी हेल्थ स्कीम में पैसे की कोई लिमिट नहीं है.
दिल्ली सरकार की हेल्थ स्कीम केंद्र सरकार की आयुष्मान योजना से बहुत अच्छी है. पीएम मोदी को चाहिए कि वे दिल्ली के हेल्थ मॉडल को पूरे देश में लागू करें. योजना किसी की भी हो, अगर अच्छी है तो उसे देशभर में लागू होनी चाहिए. इसके उलट, केंद्र सरकार का कहना है कि आम आदमी पार्टी की सरकार दिल्ली में आयुष्मान योजना लागू करे. आप सरकार अपनी स्कीम को बंद करे. यही वजह है कि आयुष्मान योजना को हम लागू नहीं कर पाए हैं.
'दीये जलाकर मनाएं दिवाली'
उन्होंने दिल्ली में दिवाली के मौके पर पटाखों पर लगाए गए प्रतिबंध को लेकर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर भी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि पटाखों पर प्रतिबंध हमने नहीं लगाए. ये तो सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट ने लगाए हैं. फिर प्रतिबंध लगने से प्रदूषण से राहत मिलती है, तो इसमें बुराई क्या है?
ये बात सही है कि दिवाली प्रकाश का त्योहार है. इसे हम दीये या मोमबत्ती जलाकर भी मना सकते हैं. ऐसा कर हम किसी पर ऐहसान नहीं कर सकते, बल्कि खुद के और अपने बच्चों की बेहतरी के लिए ऐसा करेंगे.
'इतिहास में पहली बार हुआ ऐसा'
इससे पहले उन्होंने दिवाली पर एमसीडी के कर्मचारियों को बधाई दी. उन्होंने कहा कि एमसीडी के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है जब दिवाली से कर्मचारियों को सैलरी मिली है. पहली बार ऐसा हुआ जब महीना पूरा होने से पहले एमसीडी कर्मियों के अकाउंट में वेतन पहुंच गए हैं. इस बार एमसीडी के 64 हजार सफाई कर्मियों को सैलरी के साथ बोनस भी मिले हैं.
एमसीडी में बीजेपी के 16 साल तक कर्मचारियों को कभी समय से वेतन नहीं मिले. 18 साल पहले भी एमसीडी कर्मियों को वेतन समय से मिलते थे. बीजेपी सरकार के दौरान एससीडी कर्मचारियों को वेतन लेने के लिए महीनों तक प्रदर्शन करना पड़ता था. इस मौके पर उन्होंने एमसीडी मेयर शैली ओबेरॉय के काम की भी तारीफ की.
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