Delhi Assembly Election 2025: आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने आज ऑटो चालकों को सोमवार (9 दिसंबर) को अपने घर चाय पर बुलाया. मुलाकात के दौरान उनके साथ सुख-दुख साझा किया. दिल्ली के पूर्व सीएम से ऑटो चालकों ने कहा आपसे तो मेरा पुराना और गहरा रिश्ता है. समय चाहे कैसा भी रहा हो, हमने हमेशा एक-दूसरे का साथ दिया है.


ऑटो चालकों से मुलाकात के बाद अरविंद केजरीवाल ने एक्स पोस्ट पर कहा, "ऑटो चालक भाइयों के साथ मेरा रिश्ता दिल से जुड़ा है. मैंने कल अपने घर उन्हें चाय पर बुलाया था, उनसे खूब बातें कीं. एक भाई ने तो मुझे अपने घर खाने पर आमंत्रित भी किया. आज दोपहर मैं उनके घर खाना खाने जा रहा हूं. ये रिश्ता रामलीला मैदान से शुरू हुआ था और आज भी उतना ही मजबूत है."






'सभी पुराने दिनों की दिलाई याद' 


आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मुझे याद है नवंबर 2012 में हमने पार्टी बनाई थी. साल 2013 में दिल्ली में किसी को उम्मीद नहीं थी कि आम आदमी पार्टी की एक भी सीट आएगी. लोग हमारा मजाक उड़ाते थे. इनकी जमानत जब्त हो जाएगी. उन दिनों ऑटो वालों को लेकर किस तरह दुष्प्रचार किया जाता था. आज भी मुझे याद है मैंने रामलीला मैदान में ऑटोवालों की मीटिंग बुलाई थी. आप लोग हजारों की संख्या में आए थे. मैं नहीं भूला. आप ऑटोवालों के साथ मेरा रिश्ता बहुत पुराना है. 


जबसे हमारी सरकार बनी है, तबसे जनता ऑटोवालों को कोई डाकू लुटेरा कहने की हिमाकत नहीं करता. वो दिन पुराने हो गए. मुझे ये भी याद है पिछली सरकार में ऑटो वाले हर तीसरे-चौथे दिन हड़ताल करते थे. कभी किराए के लिए तो कभी किसी चीज के लिए, लेकिन 11 साल हो गए, अभी तक ऑटो वालों ने एक भी हड़ताल नहीं की है. मैंने इतने काम कर दिए हैं कि मुझे सब याद भी नहीं है. 


'सिर्फ मेरी सरकार ने आपको याद किया' 


अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कोरोना काल में पूरे देश के अंदर दिल्ली की इकलौती सरकार है, जिसने ऑटोवालों को याद रखा और 5-5 हजार रुपए दो बार आपके अकाउंट में डलवाए. बाकी किसी सरकार को ऑटोवालों की याद नहीं आई. दिल्ली अकेली जगह है, जहां ऑटोवालों को आम आदमी पार्टी ने इज्जत दी. अब बीजेपी वालों को भी ऑटो वाले याद आ रहे हैं. कभी बीजेपी वालों ने आप लोगों को नहीं बुलाया. गुजरात में भी नहीं बुलाया. 


'ऐसा नहीं किया तो मेरा नाम बदल लेना'


जब में गुजरात में ऑटो वालों के घर खाना खाने गया, उसके बाद उन्हें इनकी याद आने लगी. मैं, बीजेपी वालों को हर राज्य में ऑटोवालों के घर खाना खाने को मजबूर नहीं किया तो मेरा नाम बदल देना. अभी तो ये लोग ऑटोवालों को अपने दफ्तर बुला रहे हैं. अभी देख लेना चुनाव आते-आते इनके बड़े-बड़े नेता ऑटोवालों के घर में रोटी खाने भी आएंगे. फिर एक दिन रात को रुकेंगे भी.


ऑटो चालकों ने केजरीवाल को दिया घर आने का न्योता


ऑटो चालकों ने भी अरविंद केजरीवाल को अपने घर आने का निमंत्रण देते हुए कहा कि आप मेरे घर खाना खाने के लिए आइए. आपकी सरकार की फरिश्ते योजना के जरिए हमने कई लोगों की मदद की है. वहीं अरविंद केजरीवाल से मिलने के बाद ऑटो चालक काफी खुश दिखे और उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान में पहली बार किसी पूर्व मुख्यमंत्री ने हम ऑटो वालो को घर बुलाकर साथ में चाय पी हमारा सुख दुख जाना. 


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