Delhi Assembly Session: दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच विवादों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. अरविंद केजरीवाल सरकार (Arvind Kejriwal Government) और उपराज्यपाल के बीच अब नया विवाद विधानसभा सत्र को लेकर छिड़ा हुआ है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आबकारी नीति मामले में सीबीआई (CBI) की ओर से पूछताछ के लिए बुलाए जाने के बाद दिल्ली सरकार ने सोमवार को विधानसभा का एकदिवसीय का विशेष सत्र बुलाया है.


एक दिन का विशेष सत्र बुलाने पर अपनी आपत्ति दर्ज कराते हुए उपराज्यपाल ने कहा, "मैं यह समझ नहीं पा रहा हूं कि किस अधिनियम और किस परिस्थिति में और किस प्रावधान के तहत यह सत्र बुलाया गया है." इसके जवाब में दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, "मैं एलजी साहब को समझाना चाहता हूं, दिल्ली विधानसभा में प्रक्रिया और कार्य संचालन के नियम 17 के तहत विधानसभा अध्यक्ष के पास 'सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किए जाने के बाद किसी भी समय' सदन की बैठक बुलाने की शक्ति है."


सौरभ भारद्वाज ने और क्या कहा?


सौरभ भारद्वाज का कहना है हालांकि प्रचलित संसदीय प्रथा के अनुसार, विधानसभा अध्यक्ष केवल मंत्रिमंडल की सिफारिश पर ही विधानसभा का सत्र बुलाते हैं. सदन का सत्रावसान नहीं किया गया है और सत्रावसान केवल मंत्रिमंडल की सिफारिश पर ही किया जा सकता है. चूंकि सत्रावसान के लिए कैबिनेट की कोई सिफारिश नहीं थी, इसलिए विधानसभा अध्यक्ष ने नियम 17(2) के तहत सदन को बुलाना सही समझा. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि विधानसभा के सभी सदस्यों को इस संबंध में सूचित कर दिया गया है और इस फैसले की प्रति उन्हें भेजी गई है.


इसे नहीं बुलाया जाना चाहिए- एलजी


इससे पहले उपराज्यपाल की ओर से एकदिवसीय विधानसभा सत्र को लेकर कहा गया कि यह प्रक्रिया उचित प्रक्रिया का पालन नहीं करती है. उन्होंने कहा कि इसे नहीं बुलाया जाना चाहिए. उपराज्यपाल का कहना है, "मैं यह समझने में विफल हूं कि जीएनसीटीडी अधिनियम 1991 के किस परिस्थिति में और किस प्रावधान के तहत सातवीं विधान सभा के चौथे सत्र (बजट सत्र) का दूसरा भाग बजट सत्र के सत्रावसान के प्रस्ताव को पेश करने के बजाए एक दिवसीय छात्र बुलाया गया है."


'सत्र बुलाना विधानसभा अध्यक्ष के अधिकार क्षेत्र में'


उपराज्यपाल विनय सक्सेना ने सोमवार को दिल्ली विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र बुलाने में आम आदमी पार्टी की अगुवाई वाली सरकार की ओर से गंभीर प्रक्रियात्मक चूक के बारे में कहा. उन्होंने कहा कि विशेष सत्र की सिफारिश दिल्ली कैबिनेट ने बिना किसी निर्दिष्ट विधायी कार्य के की है. हालांकि, दिल्ली सरकार की ओर से मोर्चा संभालते हुए कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने स्पष्ट किया कि विधानसभा का सत्र बुलाना विधानसभा अध्यक्ष के अधिकार क्षेत्र में आता है. भारद्वाज के मुताबिक, कैबिनेट की सलाह पर विधानसभा अध्यक्ष के संबंध में निर्णय लेते हैं.


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