Delhi Floods: दिल्ली को डुबोने के लिए केजरीवाल सरकार जिम्मेदार, BJP नेता का सबूतों के साथ बड़ा दावा, जानें पूरा मामला
Arvind Kejriwal News: दिल्ली को बाढ़ में डुबोने के लिए हरियाणा सरकार की जगह केजरीवाल सरकार जिम्मेदार है. ऐसा इसलिए कि दिल्ली सरकार ने आईटीओ बैराज का मेंटीनेंस खर्च 2018 से देना बंद कर रखा है.
Delhi News: दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी (Ramveer Singh Bidhuri) ने कहा है कि राजधानी को बाढ़ में डुबोने के लिए पूरी तरह केजरीवाल सरकार की लापरवाही जिम्मेदार है. अगर यमुना की समय पर सफाई कराई जाती, आईटीओ यमुना बैराज पर ध्यान दिया होता और यमुना में गिरने वाले 17 ड्रेन की गाद निकलवाई होती तो हजारों लोगों को बाढ़ की त्रासदी से बचाया जा सकता था. दिल्ली सरकार (Arvind Kejriwal) की लापरवाही और अदूरदर्शिता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पिछले छह साल से सीएम ने बाढ़ नियंत्रण के लिए अपेक्स कमेटी की बैठक तक नहीं बुलाई. जबकि सीएम इस कमेटी के अध्यक्ष हैं.
क्यों नहीं किया 48 लाख का भुगतान
उन्होंने कहा कि यमुना में आई बाढ़ का कारण आईटीओ पर बने यमुना बैराज बताया. यमुना बैराज की मेंटेनेंस का काम हरियाणा सरकार करती है, लेकिन इसका खर्चा दिल्ली सरकार देती है. हैरानी की बात यह है कि दिल्ली सरकार ने 2018 से ही मेंटेनेंस का भुगतान करना बंद कर दिया. अब दिल्ली सरकार मेंटेनेंस न होने के लिए हरियाणा पर दोष डाल रही है. जबकि हरियाणा सरकार ने 26 जुलाई 2022 को भी दिल्ली सरकार को लिखा था कि ऑपरेशन और मेंटेनेंस के बकाया खर्च 47 लाख 83 हजार 504 रुपए का भुगतान किया जाए लेकिन दिल्ली सरकार ने यह भुगतान नहीं किया.
बिजली बिल देने से भी दिल्ली सरकार का इनकार
यही नहीं, दिल्ली सरकार ने आईटीओ यमुना बैराज के बिजली कनेक्शन का बिल देना भी बंद कर दिया. दिल्ली सरकार द्वारा भुगतान बंद करने के बाद 9 अगस्त 2022 को प्राइवेट कंपनी बीएसईएस ने बिजली का कनेक्शन काट दिया. हरियाणा सरकार ने मेंटेनेंस का खर्चा न मिलने के बावजूद दोबारा से बिजली का कनेक्शन अपने नाम कर लिया. इसके लिए बकाया बिल 69,012 रुपए तथा नए कनेक्शन के लिए 2,42,80 रुपए का भुगतान किया. इसी से पता चल जाता है कि दिल्ली सरकार बैराज की मेंटेनेंस के लिए कितनी गंभीर थी.
इसलिए डूबा सुप्रीम कोर्ट का इलाका
रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि आईटीओ और उसके आसपास का इलाका इसलिए डूबा कि इंद्रप्रस्थ मेट्रो स्टेशन के पास ड्रेन नं. 12 का गेट टूट गया. इसी से डब्ल्यूएचओ, आईटीओ और सुप्रीम कोर्ट का इलाका डूबा. यमुना पर कुल 17 ड्रेन हैं लेकिन इन सभी की डिसिल्टिंग नहीं कराई गई.
8 साल से नहीं हुई यमुना की सफाई
आप सरकार ने समय रहते न तो कोई कदम उठाया और न ही स्थिति की गंभीरता को समझा. उन्होंने बताया कि दिल्ली में पिछले आठ साल से यमुना की सफाई नहीं हुई. सफाई न होने के कारण यमुना में 6 फुट गाद जमा हो चुकी है. गाद का निरीक्षण यमुना में बने पुलों या फ्लाई ओवरों के पिलर्स से किया जा सकता है. इसका यह सबूत भी है कि 1978 में यमुना में करीब 7 लाख 9 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया था तो यमुना का जलस्तर रिकॉर्ड 205.49 मीटर तक पहुंचा था लेकिन अब 2023 में 3 लाख 59 हजार क्यूसेक पानी से ही यमुना का जलस्तर 208.67 मीटर तक पहुंच गया. इससे पहले भी 2013 में 8 लाख 6 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया था लेकिन यमुना का जलस्तर 1978 के स्तर से कम ही रहा था.