Delhi Water Crisis in Summer: देश की राजधानी दिल्ली में लोग वर्षों से पीने की पानी की गंभीर समस्या से जूझते आ रहे हैं. यह समस्या गर्मियों के मौसम में और भी विकट हो जाती है. इस बार आम आदमी पार्टी की केजरीवाल सरकार इस समस्या को लेकर गंभीर है. लगातार रेन वाटर हार्वेस्टिंग, जल शोधन संयंत्र और भूजल स्तर को बढ़ाने जैसे उपायों पर ध्यान देकर राजधानी दिल्ली में पानी की किल्लत को दूर करने की कवायद के लगी हुई है. इसी क्रम में दिल्ली सरकार, जल शोधन संयंत्र से निकलने वाली पानी की बर्बादी को रोकने और इसकी उत्पादन क्षमता को बढ़ाने को लेकर गंभीरता से काम कर रही है.


दिल्ली में पेयजल समस्या से पार पाने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस बार पेयजल संकट उत्पन्न होने से पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जल बोर्ड के मंत्री और वरिष्इ अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की. जल मंत्री सौरभ भारद्वाज, मुख्य सचिव, दिल्ली जल बोर्ड के सीईओ, सिंचाई विभाग के वरिष्ठ अशिकारियों समेत अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे.


पानी की बर्बादी रोकने के उपायों पर दिया जोर


बैठक के दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल  पानी के मुद्दे को लेकर काफी गंभीर नजर आए. हर घर मे पानी की उपलब्धता को सुनिश्चित करने की कवायद में केजरीवाल ने कहा कि पानी की उपलब्धता को सुनिश्चित करने के साथ पानी की बर्बादी को भी रोकना बहुत आवश्यक है. इसके लिए भी उन्होंने कुछ आवश्यक दिशानिर्देश दिए. जिनमें उन्होंने यूजीआर और पानी के सभी पाईपलाईन के सभी टैपिंग पर फ्लो मीटर लगाये जाने के निर्देश दिएए जिससे पानी की बर्बादी का पता चल सके. फ्लो मीटर लगाने से इस बात का भी पता चल पाएगा कि कौन सा ट्यूबवेल चालू है और कौन सा बंद.


UGR के हर टैपिंग पर फ्लो मीटर लगाने के निर्देश
 
दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने अधिकारियों से कहा कि पानी की एक भी बूंद बर्बाद न हो इसके लिए प्राइमरी और सेकेंड्री यूजीआर की हर टैपिंग पर फ्लो मीटर लगाए जाएं. जिससे पता चल सके कि किस इलाके में कितना पानी पहुंच रहा है. वहीं, उन्होंने कहा कि जहां भूजल स्तर बेहतर है, वहां इंडस्ट्रियल आरओ सिस्टम लगाकर लोगों को साफ पानी देने के इंतजाम किए जाएं.


नलकुपों को लेकर आ रही समस्या पर बैठक 31 को 


सीएम केजरीवाल ने जल विभाग के अधिकारियों को नलकूपों की स्थापना में आ रही समस्याओं के जल्द समाधान निकालने को कहा. अधिकारियों ने बताया कि काफी नलकूप डीडीए के अधिकार क्षेत्र वाली भूमि पर लगते हैं. डीडीए से बातचीत चल रही है और जल्द इसका समाधान होने की उम्मीद है. अधिकारियों ने बताया कि सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में नलकूप लगाने के लिए जमीन मिल गई है. मुख्यमंत्री ने नलकूपों को स्थापित करने में जमीन संबंधित समस्याओं के निस्तारण को लेकर 31 मार्च को उच्चस्तरीय बैठक बुलाई गई है. सीएम ने फ्लो मीटर लगाने के साथ ही चल रहे ट्यूबवेल प्रोजेक्ट को दो महीने में पूरा करने के निर्देश दिए हैं और अनाधिकृत टैपिंग पर अंकुश लगाने के सख्त आदेश दिए है.


RO के लिए दुबारा जारी होगा टेंडर 


बैठक में जल बोर्ड के अधिकारियों ने कहा कि इंडस्ट्रियल आरओ लगाने के लिए रिजर्व प्राईस से दोगुनी बिड आई है. इसके लिए फिर से टेंडर निकाले जाने की जरूरत है. जिस पर मुख्यमंत्री से दुबारा टेंडर निकालने के लिए एक महीने के अंदर टेंडर करने के निर्देश दिए. बता दें कि इंडस्ट्रियल आरओ लगाए जाने के बाद जहां लोगों को पीने के लिए साफ पानी मुहैय्या करवाया जाएगा, वहीं यह भी पता चल सकेगा की किस वाटर बॉडी और झीलों के पास ट्यूबवेल से कितना पानी निकाला जा रहा है.


पानी में अमोनिया की समस्या का 6 महीने में होगा समाधान


हरियाणा से आ रहे अमोनिया और अन्य प्रदूषित तत्वों की समस्या का समाधान 6 महीने में हो जाएगा. दिल्ली सरकार वजीराबाद वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट के पास बने तालाब पर अमोनिया रिमूवल प्लांट लगाएगी. पहले इस प्लांट में यमुना के पानी को साफ किया जाएगा. इससे अमोनिया और अन्य प्रदूषक साफ हो जाएंगे. इसके बाद साफ पानी को वजीराबाद डब्ल्यूटीपी में दोबारा साफ किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने अगले 6 महीने में इस प्लांट को लगाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि हरियाणा के सोनीपत और पानीपत से आने वाले औद्योगिक कचरे से पानी में पैदा हुए अमोनिया को साफ करने के लिए जल्द ही तकनीक का इस्तेमाल करेंगे. इस साल फरवरी के मध्य से ही यमुना में अमोनिया का स्तर अधिक है. इसकी वजह से दो प्लांट अपनी क्षमता से कम काम कर रहे है और लोगों को कम पानी की सप्लाई हो रही है.


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