Delhi News: देश की राजधानी दिल्ली में बिजली की खपत कम करने और ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देने के लिए सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) सरकार अपनी इमारतों, कार्यालयों और स्ट्रीटलाइट्स का 'एनर्जी ऑडिट' (Energy Audit) करवाएगी. इस एनर्जी ऑडिट का मकसद बिजली के अधिक इस्तेमाल करने वाले स्थानों का पता लगाना और वहां स्मार्ट तरीकों से बिजली की खपत (Energy Saving) को कम करने की रणनीति तैयार करना है.
दिल्ली में सरकारी भवनों और स्ट्रीटलाइट्स के एनर्जी ऑडिट को लेकर ऊर्जा मंत्री आतिशी ने कहा कि केजरीवाल सरकार बिजली की हर यूनिट के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है. इस दिशा में सरकार अपने उन सभी सरकारी भवनों का एनर्जी ऑडिट करवाएगी जहां बिजली की खपत 500 किलोवॉट से ज्यादा है. उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में इमारतों के भीतर विभिन्न उपकरणों और उपकरणों की वास्तविक ऊर्जा खपत को मापना, उसका आवश्यक अनुमानित न्यूनतम ऊर्जा के साथ तुलना करना और फिर बिजली की बचत के लिए आर्थिक और तकनीकी रूप से व्यावहारिक तरीकों की पहचान करना शामिल है. उन्होंने आगे कहा कि एनर्जी ऑडिट से बिजली उपयोग को अनुकूलित करने के लिए भी सुझाव मिलेगा जिसके परिणामस्वरूप बिजली और पैसे दोनों की बचत होगी.
वित्तीय बोझ कम करने में मिलेगी मदद
बिजली मंत्री आतिशी ने कहा, "माना जाता है कि यदि कोई उपभोक्ता बिजली की एक यूनिट की बचत करता है, वो बिजली संयंत्र में उत्पादित 2 यूनिट के बराबर होता है. ऐसे में इन ऑडिट से प्राप्त ऊर्जा-बचत उपायों से दिल्ली की समग्र बिजली मांग को स्थिर करने में मदद मिलेगी. इसके अलावा, एनर्जी ऑडिट से न केवल सरकारी भवनों में ऊर्जा की खपत को कम करने के तरीकों का पता चलेगा बल्कि इससे सरकार का वित्तीय बोझ भी कम होगा. साथ ही, यह पहल CO2 उत्सर्जन को कम करने में मददगार साबित होगा.''
मिशन 2023 मोड में होगा काम
आतिशी ने आगे कहा कि दिल्ली सरकार के बिजली विभाग ने मिशन@2023 के तहत सरकारी भवनों के 'ऊर्जा ऑडिट' को प्राथमिकता दी है और हम इस दिशा में मिशन मोड में काम कर रहे है. बता दें कि सरकारी इमारतों के अलावा दिल्ली सरकार अपनी स्ट्रीट लाइटों के लिए भी एनर्जी ऑडिट करवायेगी. वर्तमान में दिल्ली में स्ट्रीटलाइट का रखरखाव मुख्य रूप से एमसीडी, एनडीएमसी और पीडब्ल्यूडी द्वारा किया जाता है. जहां विभाग अपनी स्ट्रीट लाइटों को कम बिजली की खपत वाले एलईडी स्ट्रीट लाइटों से बदल रहे है.