Arvind Kejriwal Interim Bail: दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. शीर्ष अदालत ने शुक्रवार (12 जुलाई) को ईडी के मामले में उन्हें अंतरिम जमानत दी. केजरीवाल ने ईडी की गिरफ्तारी को चुनौती दी थी. अंतरिम जमानत के बाद भी सीएम केजरीवाल को सीबीआई के मामले में जेल में ही रहना होगा.


सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिलने पर आम आदमी पार्टी (आप) ने खुशी जताई और अपने एक्स हैंडल पर सत्यमेव जयते लिखा. 


इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर 10 मई को सीएम केजरीवाल को 21 दिनों की अंतरिम जमानत दी थी. लोकसभा चुनाव प्रचार के लिए मिली इस जमानत की अवधि दो जून को खत्म हुई और उन्होंने तिहाड़ जेल में सरेंडर कर दिया.


21 मार्च को ईडी ने किया था गिरफ्तार


मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में 21 मार्च को गिरफ्तार किया था. उन्हें निचली अदालत ने एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर इस मामले में 20 जून को जमानत दी थी.


हालांकि, ईडी ने अगले ही दिन दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया. हाई कोर्ट ने रिहाई पर रोक लगा दी. इसके खिलाफ उन्होंने ऊपरी अदालत का रुख किया. इसपर सुनवाई होनी है.


इस बीच 26 जून को सीबीआई ने कथित आबकारी नीति घोटाले से संबंधित भ्रष्टाचार के मामले में उन्हें गिरफ्तार कर लिया. इस गिरफ्तारी को उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी है.


सुप्रीम कोर्ट में क्या है मामला?


ईडी की गिरफ्तारी को अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. आज अदालत ने अंतरिम जमानत देते हुए गिरफ्तारी को चुनौती देने के मामले में बड़ी बेंच के पास भेज दिया.



सुप्रीम कोर्ट ने जो मामला बड़ी बेंच के पास भेजा है वह PMLA के सेक्शन 19 का है जिसके तहत यह सवाल उठाया गया है कि अगर कोई आरोपी पूछताछ में शामिल हो रहा है तो क्या उसकी गिरफ्तारी जरूरी है?


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