Arvind Kejriwal Letter to Mohan Bhagwat: दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को चिट्ठी लिखकर 5 सवाल पूछे हैं. उन्होंने कहा कि जिस कानून के तहत लालकृष्ण आडवाणी को 75 पार पर रिटायर किया गया, क्या वो पीएम मोदी पर लागू नहीं होगा?


उन्होंने कहा, ''नरेंद्र मोदी ने जून 2023 में एक नेता पर 70 हज़ार के घोटाले का आरोप लगाया और कुछ दिन बाद उस नेता के साथ सरकार बना ली. यह सब देखकर आपको कष्ट नहीं होता?''


मैं बहुत चिंतित हूं- अरविंद केजरीवाल


अरविंद केजरीवाल ने कहा, ''मैं आशा करता हूं कि आप स्वस्थ होंगे. मैं यह पत्र एक राजनैतिक पार्टी के नेता की हैसियत से नहीं लिख रहा हूं बल्कि इस देश के एक सामान्य नागरिक के तौर पर लिख रहा हूं. आज देश के हालात को लेकर मैं बहुत चिंतित हूं. जिस दिशा में बीजेपी की केंद्र सरकार देश और देश की राजनीति को ले जा रहीं है, यह पूरे देश के लिए हानिकारक है.''


पूर्व सीएम ने कहा, ''अगर यही चलता रहा तो हमारा लोकतंत्र खत्म हो जाएगा, हमारा देश खत्म हो जाए‌गा. पार्टियां तो आती-जाती रहेंगी, चुनाव आते-जाते रहेंगे, नेता आते-जाते रहेंगे, लेकिन भारत देश हमेशा रहेगा. इस देश का तिरंगा आसमान में गर्व से हमेशा लहराए, ये सुनिश्चित करना हमारी सबकी ज़िम्मेदारी है. इसी संबंध में जनता के मन में कुछ सवाल हैं जो में आपके समक्ष रख रहा हूं. मेरी मंशा सिर्फ भारतीय लोकतंत्र को बचाने और मजबूत करने की है.'' 


अरविंद केजरीवाल के 5 सवाल


1. देशभर में तरह-तरह के लालच देकर या फिर ED-CBI की धमकी देकर दूसरी पार्टी के नेताओं को तोड़ा जा रहा है, उनकी पार्टियों को तोड़ा जा रहा है और दूसरी पार्टियों की सरकारों को गिराया जा रहा है. क्या इस तरह से चुनी हुई सरकारें गिराना देश और देश के लोकतंत्र के लिए सही है? किसी भी तरह बेईमानी करके सत्ता हासिल करना, क्या आपको या RSS को यह मंजूर है? 


2. देश के कुछ नेताओं को खुद प्रधानमंत्री और अमित शाह ने सार्वजनिक मंच से भ्रष्टाचारी कहा और उसके कुछ दिन बाद ही उन्हें भारतीय जनता पार्टी में शामिल करा लिया. जैसे 28 जून 2023 को मोदी ने एक सार्वजनिक भाषण में एक पार्टी और उनके एक नेता पर 70 ह‌ज़ार करोड़ के घोटाले का आरोप लगाया. उसके कुछ दिन बाद ही उस पार्टी को तोड़ कर उसी नेता के साथ सरकार बना ली और उसी नेता को, जिसे कल तक भ्रष्ट कहते थे, उसे उपमुख्यमंत्री बना दिया. ऐसे कई मामले हैं जब दूसरी पार्टियों के भ्रष्ट नेताओं को बीजेपी में शामिल करवाया गया. क्या आपने या RSS कार्यकर्ताओं ने ऐसी बीजेपी की कल्पना की थी? क्या ये सब देखकर आपको कष्ट नहीं होता? 


3. BJP वो पार्टी थी जो RSS की कोख से पैदा हुई. ये RSS की जिम्मेदारी है कि यदि बीजेपी पथ भ्रमित हो तो उसे सही रास्ते पर लाए. क्या आपने कभी प्रधानमंत्री को ये सब गलत काम करने से रोका? 


4. जेपी नड्डा ने लोकसभा चुनाव के दौरान कहा कि BJP को अब RSS की जरूरत नहीं है. RSS एक तरह से बीजेपी की मां है. क्या बेटा इतना बड़ा हो गया कि मां को आँखे दिखाने लगा है? मुझे पता चला है कि नड्डा जी के इस बयान ने हर RSS कार्यकर्ता को बेहद आहत किया. देश जानना चाहता है कि उनके बयान से आपके दिल पर क्या गुजरी?


5. आप सबने मिलकर कानून बनाया कि 75 साल की उम्र के बाद बीजेपी नेता रिटायर ही जाएंगे. इस कानून का खूब प्रचार किया गया और इसी क़ानून के तहत आडवाणी जी और मुरली मनोहर जोशी जी जैसे कई कद्दावर बीजेपी नेताओं को रिटायर किया गया. पिछले दस वर्षों में इस कानून के तहत अन्य कई बीजेपी नेताओं को रिटायर किया गया जैसे खंडूरी जी, शांता कुमार जी, सुमिता महाजन जी आदि. अब अमित शाह जी का कहना है कि यो क़ानून मोदी जी पर लागू नहीं होगा. क्या इस पर आपकी सहमति है कि जिस कानून के तहत आडवाणी जी को रिटायर किया गया, वो कानून अब मोदी जी पर लागू नहीं होगा? क्या सबके लिए क़ानून समान नहीं होना चाहिए?


आज हर भारतवासी के मन में ये प्रश्न कौंध रहे है. मुझे पूरी उम्मीद है की आप इन सवालों पर विचार करेंगे और लोगों को इन सवालों के जवाब देंगे.


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