Delhi News: सर्विस विवाद मामले को लेकर दिल्ली सरकार के पक्ष में दिए गए सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय को पलटते हुए केंद्र सरकार द्वारा अध्यादेश लाया गया, जिसके बाद आम आदमी पार्टी इस अध्यादेश को कानून बनने से रोकने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक चुकी है. आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दूसरे राज्यों के दौरे पर निकल चुके हैं जहां उन्होंने दो दिनों में विपक्ष के बड़े नेताओं से मुलाकात की. सबसे पहले उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात कर राज्यसभा में पारित होने वाले इस अध्यादेश का विरोध करने के लिए समर्थन मांगा तो दूसरे दिन महाराष्ट्र के शिवसेना ( UBT ) प्रमुख उद्धव ठाकरे से भी मुलाकात की.


दो दिन में सीएम केजरीवाल की दो बड़ी 'जीत'


इस अध्यादेश को कानून बनने के लिए संसद के दोनों सदनों से पास होना पड़ेगा. बीजेपी और उसके सहयोगी दल को मिलाकर केंद्र सरकार के पास लोकसभा में अच्छी बहुमत है. आम आदमी पार्टी को इस अध्यादेश को कानून बनने से रोकने के लिए राज्यसभा में अच्छी संख्या चाहिए. इसके लिए आप द्वारा विपक्षी दलों का समर्थन लिया जा रहा है. 


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बीते दो दिनों में दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल को दो बड़ी जीत हासिल हुई है. जब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आधिकारिक रूप से इस बात का भरोसा जता दिया है कि राज्यसभा में उनकी पार्टी इस अध्यादेश का विरोध करेगी और आम आदमी पार्टी को इस मामले में पूरा समर्थन देंगी. इसके अलावा उद्धव ठाकरे ने भी महाराष्ट्र में इस बात का एलान किया कि उनके द्वारा इस अध्यादेश का राज्यसभा में समर्थन नहीं किया जाएगा. इससे पहले आम आदमी पार्टी को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (जेडीयू) और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव (आरजेडी) का समर्थन प्राप्त हुआ था.


2024 का सेमीफाइनल हमें जीतना है- दिल्ली सीएम


विपक्षी दलों का समर्थन जुटाने दूसरे राज्यों के दौरे पर निकले दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल के साथ शिक्षा मंत्री आतिशी, राज्यसभा सांसद संजय सिंह, राघव चड्ढा , पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी विपक्ष के बड़े नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं. इस दौरान दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने भारतीय जनता पार्टी पर जमकर हमला बोलते हुए कहा कि यह सुप्रीम कोर्ट को सीधे सीधे चुनौती है और यह बताता है कि भारतीय जनता पार्टी पूरी तरह से अहंकार में है. सत्ता के नशे में ये इतना चूर हो चुके हैं कि उन्हें किसी भी हाल में दूसरे पार्टियों का नेतृत्व पसंद ही नहीं. इसलिए हम जनादेश का सम्मान करते हुए इनके इस तानाशाही वाले अध्यादेश के खिलाफ आवाज बुलंद करते रहेंगे और अगर हम राज्यसभा में इसे पास होने से रोकने में कामयाब रहे तो यह 2024 के सेमीफाइनल के तौर पर हमारी जीत होगी.