Arvind Kejriwal News: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दो दिन बाद अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा की है. इसके बाद राष्ट्रीय राजधानी की राजनीति गरमा गई है. सीएम केजरीवाल के इस्तीफे के ऐलान के बाद मुख्यमंत्री की रेस में कई नाम की चर्चा सियासी हल्कों में की जा रही है. ऐसे में मुख्यमंत्री बनने को लेकर मंत्री आतिशी ने खुद जवाब दिया है.


दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने खुद ही एबीपी न्यूज से बातचीत के दौरान कहा, "हमारी विधायक दल की बैठक होगी उसमें तय होगा कि आगे क्या कदम होंगे. हम तो चाहते हैं कि नवंबर में महाराष्ट्र के साथ दिल्ली में चुनाव कराए जाएं, हम तो जनता से फैसला आज चाहते हैं. कोर्ट ने अपना फैसला दे दिया है अब हम जनता का फैसला चाहते हैं."


हम दिल्ली की जनता का फैसला मांगेंगे- आतिशी


उन्होंने आगे कहा, ''क्या दिल्ली की जनता सोचती है कि अरविंद केजरीवाल ईमानदार हैं? हम तो केंद्र सरकार से कहेंगे कि अभी चुनाव करवाइए. अभी हम दिल्ली की जनता का फैसला मांगेंगे और अरविंद केजरीवाल को फिर सीएम की कुर्सी पर बैठाएंगे.'' 


दिल्ली विधानसभा भंग करने को लेकर क्या बोलीं आतिशी?


दिल्ली की मंत्री आतिशी से जब पूछा गया कि आपलोग खुद क्यों न दिल्ली विधानसभा भंग करने की सिफारिश करती हैं? इस सवाल पर उन्होंने कहा, ''हमने एक बार पहले 2013 में विधानसभा भंग की थी लेकिन इन्होंने चुनाव ही नहीं करवाया था. ये तो केंद्र सरकार के हाथ में है कि वो कब चुनाव कराए. विधानसभा भंग होने के 6 महीने के अंदर कभी भी केंद्र और निर्वाचन आयोग चुनाव करवा सकती है. हमारी ओर से मांग है कि नवंबर में चुनाव कराएं.'' 


अरविंद केजरीवाल की सबसे बड़ी पूंजी ईमादारी- आतिशी


आतिशी ने आगे कहा, ''अरविंद केजरीवाल ऐसे व्यक्ति हैं जो इनकम टैक्स कमिश्नर थे और उन्होंने अपनी नौकरी छोड़कर दिल्ली की झुग्गियों में जाकर काम किया, देश के लिए काम किया. वो ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने 2013 में लोकपाल बिल न पास होने पर सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था. तो ऐसा व्यक्ति ये कैसे बर्दाश्त कर सकता है कि उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे. अरविंद केजरीवाल की सबसे बड़ी पूंजी उनकी ईमादारी है.''


उन्होंने कहा कि कोई व्यक्ति ये सवाल कैसे बर्दाश्त कर सकता है कि उन्हें कहा जाए कि उन्होंने बेईमानी की है. कोर्ट ने अपना फैसला दे दिया है. PMLA जैसे सख्त कानून में उन्हें बेल दे दी है. कोर्ट ने केंद्र, सीबीआई, ईडी के मुंह पर तमाचा मारकर अपना फैसला दे दिया है और कह दिया है कि ये एजेंसी पिंजड़े में बंद तोते की तरह हैं. लेकिन


दिल्ली की मंत्री ने कहा, ''अब अरविंद केजरीवाल जी जनता का फैसला चाहते हैं. उन जनता के लिए जिन्होंने नौकरी छोड़ी. आज वो दिल्ली के लोगों का फैसला जानना चाहते हैं कि दिल्ली की जनता क्या सोचती है? क्या दिल्ली के लोगों को भरोसा है कि नहीं कि अरविंद केजरीवाल ईमानदार हैं. 


अरविंद केजरीवाल पर बंदिशें 10 साल से लग रही-आतिशी


बीजेपी वाले इसे मजबूरी का इस्तीफा बता रहे हैं? इस सवाल पर उन्होंने कहा, ''अरविंद केजरीवाल पर बंदिशें 10 साल से लग रही हैं. फरवरी 2015 में 67 सीट लेकर वो सीएम बने थे. एलजी ने उनके खिलाफ कई बंदिशें लगाएं. लेकिन फिर भी सीएम केजरीवाल दिल्ली की जनता के लिए काम करते रहे हैं. वो आज भी मुख्यमंत्री की कुर्सी पर रखकर काम कर सकते थे.''


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