Delhi Tree Transplantation Policy: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने शुक्रवार को कहा कि उनकी सरकार की वृक्ष प्रत्यारोपण नीति (Tree Transplantation Policy) ने शहर में बड़ी संख्या में विकास परियोजनाएं जारी होने के बावजूद राष्ट्रीय राजधानी के हरित क्षेत्र को कम होने से रोकने में मदद की है.


सीएम केजरीवाल ने बताया कि उनकी आम आदमी पार्टी (AAP) के सत्ता में आने के बाद से दिल्ली का हरित क्षेत्र 19.97 प्रतिशत से बढ़कर 23.06 प्रतिशत हो गया है. मुख्यमंत्री ने मयूर विहार में लगाए गए पेड़ों का निरीक्षण करने के बाद कहा, "विकास परियोजनाओं का काम जारी होने के कारण दिल्ली का हरित क्षेत्र घटकर 15 से 16 प्रतिशत तक हो सकता था. लेकिन अक्टूबर 2020 में लाई गई वृक्ष प्रत्यारोपण नीति ने ऐसा होने से रोका है." भारत की ताजा वन स्थिति रिपोर्ट के मुताबिक, 2011 में दिल्ली का हरित क्षेत्र (वन एवं वृक्षों का दायरा) 19.97 प्रतिशत था, जो 2021 में बढ़कर 23.06 प्रतिशत हो गया.


बड़ी संख्या में लगाए जा रहे पौधे
केजरीवाल ने कहा, "हमारी सरकार पर्यावरण के प्रति संवेदनशील है और हर साल बड़ी संख्या में पौधे लगाए जाते हैं. वृक्ष प्रत्यारोपण नीति ने बड़ी संख्या में पेड़ों को बचाने में मदद की है. दिल्ली ऐसी नीति लागू करने वाला पहला शहर है. किसी अन्य राज्य ने ऐसा करने की कोशिश तक नहीं की."


पेड़ों की जीवित रहने की दर में इजाफा
अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि नीति के लागू होने के बाद से लगाए गए पेड़ों की जीवित रहने की दर 30 प्रतिशत से बढ़कर 54 प्रतिशत हो गई है. दिल्ली सरकार ने इस नीति के तहत दिसंबर 2020 में एजेंसियों के लिए उनके विकास कार्यों से प्रभावित होने वाले कम से कम 80 प्रतिशत पेड़ों का प्रत्यारोपण करना अनिवार्य कर दिया था.


ट्रांसप्लांटेशन के बाद पेड़ों की सुरक्षा बढ़ी
प्रत्यारोपण के एक साल बाद पेड़ों के सुरक्षित रहने की औसत दर 80 फीसदी के करीब दर्ज की गई है.अधिकारियों ने केजरीवाल को बताया कि मयूर विहार में प्रत्यारोपण नीति के तहत लगाए गए 220 में से 190 पेड़ अब संरक्षित हैं.


ये भी पढ़ें


NDRF सिखाएगी दिल्ली पुलिस को आपदा से लड़ने की टेक्निक, हाल ही में हुई आग की घटनाओं के बाद फैसला


Delhi News: क्या पूर्वानुमान प्रणालियों से वायु प्रदूषण कम करने में मिली मदद? CEEW की रिपोर्ट में सामने आई ये बात