Delhi News: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने बुधवार को एक पत्र लिखकर एलजी (Vinai Saxena) के पत्र का जवाब दिया है. सीएम ने अपने पत्र (Letter War) में कहा है कि मैं दिल्ली में कानून व्यवस्था की स्थिति में तत्काल सुधार की आवश्यकता को स्वीकार न करने की एलजी की अनिच्छा को समझ नहीं पा रहा हूं. उन्होंने अपने पत्र के जरिए एलजी से दिल्ली के दो करोड़ निवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग की है.
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल का यह पत्र दिल्ली में एक ही दिन में चार हत्याओं की पृष्ठभूमि में आया है. बता दें कि कुछ हफ्ते बाद दिल्ली ने जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी की है. यह पत्र दिल्ली में कानून व्यवस्था की स्थिति को तत्काल दुरूस्त करने की आवश्यकता पर बल देता है और सभी दिल्लीवासियों की सुरक्षा व उनके हितों के प्रति उनकी एलजी प्रतिबद्धता को दर्शाता है.
पत्र लिखने के अलावा और कोई विकल्प नहीं छोड़ा
सीएम अरविंद केजरीवाल ने एलजी को लिखे अपने पत्र में कहा है कि दिल्ली में कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति के मुद्दे को लेकर मेरे पत्र पर आपकी प्रतिक्रिया को मैंने ध्यान से पढ़ा. सामान्य तौर पर मैं वापस फिर से लिखने का फैसला नहीं लेता, लेकिन आपकी प्रतिक्रिया ने मेरे पास दिल्ली के लोगों को यह बताने के अलावा कोई विकल्प नहीं छोड़ा कि जिम्मेदार लोगों के पास दिल्लीवालों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सीधे तौर पर कोई ठोस समाधान नहीं है. जिम्मेदार लोग केवल इल्जाम ही थोप सकते हैं.
जनता की सुरक्षा राजनीति कैसे!
दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि दिल्ली के दो करोड़ जनता की जिंदगी और प्रॉपर्टी की सुरक्षा से संबंधित एक बेहद गंभीर मुद्दे को राजनीतिक करार देना आसान है, लेकिन आपकी प्रतिक्रिया ने विचार किए जाने वाले ऐसे किसी प्रभावी कदम की पेशकश नहीं की है, जिससे दिल्लीवासी अपनी सुरक्षा को लेकर आश्वस्त हो सकें. एलजी द्वारा दिल्ली पुलिस के शीर्ष अधिकारियों के साथ की जाने वाली नियमित साप्ताहिक बैठकें तब तक औपचारिकता ही रहेंगी, जब तक कि जमीनी स्तर पर कोई ठोस कदम उठाकर दिल्ली में लगातार हो रही गंभीर अपराधिक घटनाओं को रोका न जा सके.
संविधान ने दी है सुरक्षा चिंता की जिम्मेदारी
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि मैं इस बात से पूरी तरह वाकिफ हूं कि आप दिल्ली में नए हैं और बाहरी होने के चलते जमीनी हकीकत जानना मुश्किल है. गंभीर अपराधों में लगातार बढ़ोतरी को एक संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति द्वारा सामान्य रूप में नहीं लिया सकता है, जबकि वही पदाधिकारी उन मामलों में बहुत अधिक सक्रिय है, जो भारत के संविधान में उसके कर्तव्य से बाहर हैं. आप अपने राजनीतिक आकाओं को खुश करने के लिए चुनी हुई सरकार के कार्यों का श्रेय लेने की होड़ में व्यस्त हैं. जबकि संविधान ने आपको दिल्ली की कानून व्यवस्था को बनाए रखने की जिम्मेदारी दी है.
सुरक्षा चिंताओं को नकारने की ये है वजह
सीएम अरविंद केजरीवाल ने एलजी पर दिल्ली सरकार के कार्यों का श्रेय लेने का भी आरोप लगाया है. एलजी के इस रवैये ने संविधान से मिले उनके प्राथमिक कार्यों को बुरी तरह से प्रभावित किया है. ऐसा लगता है कि चुनी हुई सरकार के कामकाज में लगातार रुकावटें पैदा कर सभी संवैधानिक सिद्धांतों और सर्वोच्च न्यायालय के फैसलों को दरकिनार करने के चलते, आपके पास दिल्ली के नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए गंभीरता से ध्यान देना का वक्त नहीं है.
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