Arvind Kejriwal vs Sandeep Dikshit: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए आम आदमी पार्टी के बाद कांग्रेस की भी एक कैंडिडेट लिस्ट जारी हो गई है. नई दिल्ली विधानसभा सीट से कांग्रेस ने संदीप दीक्षित को मैदान में उतारा है. यानी दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सामने अब कांग्रेस के संदीप दीक्षित चुनावी चुनौती दे रहे हैं. इसी के साथ नई दिल्ली सीट इस चुनाव की सबसे हॉट सीट बन गई है.
संदीप दीक्षित दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे हैं. तीन बार की मुख्यमंत्री रहीं शीला दीक्षित को साल 2013 में अरविंद केजरीवाल ने चुनाव में हराया था. अब दोनों सीनियर नेताओं का आमने-सामने होना इस लड़ाई को और दिलचस्प बना रहा है.
अरविंद केजरीवाल का राजनीतिक इतिहास
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल साल 2013 से लगातार दिल्ली विधानसभा चुनाव जीतते आ रहे हैं. साल 2013 में कांग्रेस उम्मीदवार शीला दीक्षित को 25 हजार से ज्यादा वोटों के अंतर से हराकर वह मुख्यमंत्री बने. 2014 के लोकसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल ने वाराणसी से नरेंद्र मोदी के सामने चुनाव लड़ा था, लेकिन मोदी लहर के बीच वह हार गए थे.
इसके बाद दिल्ली विधानसभा चुनाव 2015 में अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी की नूपुर शर्मा को 31 हजार से ज्यादा वोटों के अंतर से हराया था. इस दौरान किरण वालिया कांग्रेस उम्मीदवार थीं जिन्हें केवल 4781 वोट ही मिले थे. वहीं, साल 2020 के चुनाव में अरविंद केजरीवाल को 46758 वोट मिले थे. बीजेपी के सुनील कुमार यादव को 25061 तो कांग्रेस के रोमेश सबरवाल को केवल 3220 वोट मिले थे.
संदीप दीक्षित का राजनीतिक इतिहास
पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे और कांग्रेस नेता साल 2004 से लेकर 2014 तक लगातार दो बार लोकसभा सांसद रहे. वह लगातार अरविंद केजरीवाल की आलोचना करते आए हैं. शीला दीक्षित 15 साल तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं और तीन बार विधायक चुन कर आई थीं. अरविंद केजरीवाल ने उन्हें शिकस्त देकर अपनी चुनावी पारी की शुरुआत बतौर मुख्यमंत्री की थी.
संदीप दीक्षित को कांग्रेस ने बनाया मुख्य चेहरा
कांग्रेस की पहली कैंडिडेट लिस्ट से यह साबित हो गया है कि इस बार पार्टी ने संदीप दीक्षित को अपना मुख्य चेहरा बनाया है. सूची में अजय माकन का नाम न होने से सांकेतिक तौर पर यह साबित हो गया है कि उन्हें टिकट नहीं मिलेगा. ऐसा इसलिए माना जा रहा है क्योंकि कांग्रेस ने अपनी पहली लिस्ट में ही अपने बड़े नेताओं के टिकट का ऐलान कर दिया है और इसमें अजय माकन शामिल नहीं हैं.
बता दें, अजय माकन अभी दिल्ली से राज्यसभा सांसद हैं और दिल्ली की राजनीति में शीला दीक्षित के समय से बड़ी भूमिका निभाते आए हैं. उनके साथ-साथ कांग्रेस के कई नेता दिल्ली में सीएम रेस में पावर की लड़ाई लड़ते रहे हैं. हालांकि, इस बार कांग्रेस ने अपनी लिस्ट से स्पष्ट कर दिया है कि संदीप दीक्षित ही चुनाव का प्रमुख चेहरा होंगे. इसी के साथ अपनी मां शीला दीक्षित की सियासी विरासत संभालते हुए अरविंद केजरीवाल से टक्कर लेंगे.
दिल्ली विधानसभा सीट का इतिहास
मालूम हो, साल 1993 से 2003 तक नई दिल्ली विधानसभा सीट नहीं हुई करती थी. इसे गोल मार्केट सीट के नाम से जाना जाता था. साल 1993 में इस सीट पर कीर्ति आजाद जीते थे. इसके बाद 1998 और 2003 तक शीला दीक्षित लगातार जीत कर मुख्यमंत्री पद पर काबिज रहीं.
फिर, 2008 के चुनाव में गोल मार्केट रा नाम बदल कर नई दिल्ली विधानसभा सीट हो गया. नई दिल्ली सीट बनने के बाद भी शीला दीक्षित ने 2008 में इस सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. इसके बाद 2013, 2015 और 2020 के चुनाव में इस अरविंद केजरीवाल जीते.
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