(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Opposition Party Meeting: CM केजरीवाल बनना चाहते हैं PM उम्मीदवार, विपक्षी नेताओं की बैठक के बाद सामने आया BJP का बयान
Delhi Politics: पटना बैठक ने आप नेता ने कहा था कि काले अध्यादेश का मकसद न केवल दिल्ली में एक निर्वाचित सरकार के लोकतांत्रिक अधिकारों को छीनना है बल्कि भारत के लोकतंत्र के लिए एक महत्वपूर्ण खतरा है.
Delhi News: बिहार के सीएम नीतीश कुमार की पहल पर भारतीय जनता पार्टी और मोदी सरकार के खिलाफ पटना में विपक्षी दलों की बैठक समाप्ता हो गया, लेकिन इसका असर यह हुआ कि देश की राजधानी दिल्ली में सियासी वार पलटवार पहले से ज्यादा तेज हो गया है. विपक्षी दलों की पटना बैठक में सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) जो चाहते थे वो नहीं हुआ. आप नेता चाहते थे अध्यादेश पर कांग्रेस पार्टी आप का समर्थन दे, लेकिन देश की सबसे पुरानी पार्टी ने इस मसले पर अपना रुख साफ नहीं किया. इतना जरूर कहा कि इसके लिए सही मंच संसद है. राज्यसभा में जब बिल आएगा तो कांग्रेस अपना पक्ष रखेगी. इससे नाराज सीएम अरविंद केजरीवाल और आप नेताओं ने पटना बैठक के बार संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस का भी बहिष्कार कर दिया.
आप के इस रुख के बाद बीजेपी नेताओं को बोलने का मौका मिल गया. उन्होंने मौका लाभ उठाते हुए अब सीएम अरविंद केजरीवाल पर अमला बोल दिया है. दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री मदन खुराना के बेटे और बीजेपी प्रवक्ता हरीश खुराना (Harish Khurana) ने कहा कि मैंने कल ही कह दिया था कि आप नेता ने ये काम करेंगे. हम केजरीवाल की नस नस से वाकिफ हैं, वो चाहते हैं कि उनको प्रधानमंत्री का कैंडिडेट माना जाए. आर्डिनेंस तो एक बहाना है. उनका असल मकसद कुछ और है.
काले अध्यादेश को गिराना जरूरी
इसके अलावा, हरीश खुराना ने आम आदमी पार्टी की ओर से जारी पटना स्टेटमेंट की कॉपी भी ट्विटर पर सभी से साझा किया. हरीश खुराना ने जो आप के स्टेटमेंट की कॉपी पब्लिक डोमेन में साझा किया है उसमें लिखा है कि काले अध्यादेश का उद्देश्य न केवल दिल्ली में एक निर्वाचित सरकार के लोकतांत्रिक अधिकारों को छीनना है बल्कि यह भारत के लोकतंत्र और संवैधानिक सिद्धांतों के लिए भी एक महत्वपूर्ण खतरा है. यदि चुनौती न दी गई तो यह खतरनाक प्रवृत्ति अन्य सभी राज्यों में फैल सकती है, जिसके परिणामस्वरूप लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित राज्य सरकारों से सत्ता छीन ली जा सकती है. इस काले अध्यादेश को गिराना जरूरी है.
कुछ नेता अपनी कुर्सी बचाना चाहते हैं
वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद ने पटना में विपक्षी दलों की बैठक के बाद कहा कि विपक्षी खेमे में कई प्रधानमंत्री के पद के दावेदार हैं. कुछ की इच्छा अंदर से है, तो कुछ की इच्छा बाहर है. सभी दलों के नेता अपना-अपना एजेडा चला रहे हैं. उन्होंने कहा कि पटना बैठक से दो बातें साफ है. एक यह कि पटना बैठक स्वार्थी राजनीतिक दलों व नेताओं का जमावड़ा है. दूसरी बात ये कि विरोधी दलों के नेता पीएम नरेंद्र मोदी का विरोध कर अपनी कुर्सी बचाना चाहते हैं.
कांग्रेस का रुख साफ नहीं
बता दें कि बिहार की राजधानी पटना में समान विचारधारा वाली पार्टी की बैठक में कुल 15 पार्टियां शामिल हो रही हैं, जिनमें से 12 का प्रतिनिधित्व राज्यसभा में है. कांग्रेस को छोड़कर अन्य सभी 11 दलों, जिनका राज्यसभा में प्रतिनिधित्व है, उन्होंने काले अध्यादेश के खिलाफ स्पष्ट रूप से अपना रुख व्यक्त किया है और घोषणा की है कि वे राज्यसभा में इसका विरोध करेंगे. वहीं कांग्रेस ने अभी तक अध्यादेश पर अपना रुख सार्वजनिक नहीं किया है. ये बात अलग है कि कांग्रेस की दिल्ली और पंजाब इकाइयों ने घोषणा की है कि पार्टी को इस मसले पर आप सरकार का समर्थन करना चाहिए.