Delhi Politics News: भारत के 78वें स्वतंत्रता दिवस देशभर में खुशी और सौहार्द का माहौल देखने को मिला, लेकिन दिल्ली की राजनीति में माहौल काफी गर्म रहा. आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच जुबानी जंग रुकने का नाम नहीं ले रही है. स्वतंत्रता दिवस के मौके पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के जेल में होने को जहां आप ने तानाशाही का प्रतीक बताया, वहीं बीजेपी का कहना है कि जांच ऐजेंसी के वकीलों के विरोध के बावजूद मनीष सिसोदिया को बेल मिलना स्पष्ट करता है कि जेल में रखने या छोड़ने का निर्णय न्यायपालिका का काम है.
बीजेपी का दावा है कि देश की न्यायपालिका पूरी तरह से स्वतंत्र है. आम आदमी पार्टी के नेता ओछी राजनीति कर रहे हैं. आप नेताओं द्वारा देश के स्वतंत्रता दिवस पर देश की न्यायपालिका की स्वतंत्रता निष्पक्षता पर प्रश्न चिन्ह लगाना निंदनीय है.
'आखिरी सांस तक तानाशाही से लड़ेंगे'
दरअसल, इस जुबानी जंग की शुरूआत दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी के एक ट्वीट से हुई. आतिशी ने अपने एक्स पोस्ट में लिखा, ''आज स्वतंत्रता दिवस है. जब 1947 में भारत को अंग्रेजों की तानाशाही से आजादी मिली. इसके लिए सैंकड़ों स्वतंत्रता सैनानियों ने लाठियां खाईं, जेल गए और अपनी जान की कुर्बानी दी. उनके सपनों में भी ऐसा विचार नहीं आया होगा कि एक दिन, आजाद भारत में एक चुने हुए मुख्यमंत्री को झूठे मुकदमे में फंसा कर महीनों तक जेल में रखा जाएगा. आइए, इस स्वतंत्रता दिवस पर हम ये प्रण लेते हैं कि आखिरी सांस तक तानाशाही के खिलाफ लड़ते रहेंगे''
आतिशी के इस एक्स पोस्ट को आगे बढ़ाते हुए अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल ने अपने एक्स पोस्ट में कहा, 'आज CM आवास पर तिरंगा नहीं फहराया गया. बहुत अफसोस रहा. यह तानाशाही एक चुने हुए मुख्यमंत्री को जेल में रख सकती है, लेकिन दिल में देशप्रेम को कैसे रोक पाएगी''.
'AAP नेता करते हैं ओछी राजनीति'
आप नेताओं के इन बयानों पर पलटवार करते हुए बीजेपी ने आम आदमी पार्टी को घेरा और मनीष सिसौदिया को अदालत से जमानत मिलने की बात सबके सामने रखी. नई दिल्ली सीट से बीजेपी सांसद बांसुरी स्वराज ने कहा कि भारत की न्यायपालिका पूर्णतया स्वतंत्र है. न्यायपालिका किसी भी जांच ऐजेंसियों के रखे साक्ष्यों या किसी सरकार के निर्णय से प्रभावित होकर नहीं, बल्कि कानून की परिधी में जांच कर जेल या बेल देती है. जांच ऐजेंसी के वकील के विरोध के बावजूद सिसोदिया को बेल मिलना स्पष्ट करता है की जेल में रखने या छोड़ने का निर्णय न्यायपालिका लेती है. आप नेता केवल ओछी राजनीति करते हैं.
'अराजक मानसिकता का प्रतीक'
चांदनी चैक से बीजेपी सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि आम आदमी पार्टी के नेताओं ने जिस तरह आज स्वतंत्रता दिवस के दिन न्यायपालिका और जांच ऐजेंसियों की निष्पक्षता पर सवाल खड़े किए हैं, वह उनकी आराजक मानसिकता का प्रमाण है. सुनीता केजरीवाल का सीएम आवास में ध्वजारोहण ना होने पर दुख जताना घड़ियाली आंसू जैसा है.
बीजेपी नेता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा कि एक भारतीय होने के नाते जिस तरह देश के करोड़ों लोगों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आव्हान पर आज हर घर तिरंगा फहराया. सुनीता केजरीवाल भी अपने मुख्यमंत्री आवास पर फहरा सकती थीं. दिल्ली बीजेपी नेताओं ने कहा है की यह खेदपूर्ण है कि "आप" नेताओं ने स्वतंत्रता दिवस पर भी विवादित राजनीति की है.
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