Lok Sabha Elections 2024: दिल्ली में सीट शेयरिंग पर हमारी कोई भूमिका नहीं है, अरविंदर सिंह बोले- 'आलाकमान के फैलने पर करेंगे अमल'
Delhi Politics: एनसीपी प्रमुख शरद पवार का सीट शेयरिंग के मसले पर बयान आने के बाद अरविंद सिंह लवली (Arvinder Singh Lovely) ने कहा कि आलाकमान जो फैसला लेगा वो हमें मान्य होगा.
Delhi News: लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Elections 2024) को लेकर दिल्ली में बीजेपी, कांग्रेस और आप के बीच सियासी आरोप प्रत्यारोप जारी है. दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली (Arvinder Singh Lovely) ने लोकसभा चुनाव को लेकर एक टीवी चैनल से बातचीत में बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि दिल्ली में लोकसभा सीट शेयरिंग को लेकर फैसला पार्टी आलाकमान को लेना है. उच्च स्तर पर जो फैसला लिए जाएंगे, वो हमें मान्य होगा.
सीट शेयरिंग में कोई हस्तक्षेप नहीं
दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने कहा- 'इसमें कोई शक नहीं है कि इंडिया गठबंधन अस्तित्व में आने के बाद से बीजेपी (BJP) बौखला गई है. यही वजह है कि भारतीय जनता पार्टी उल्टे सीधे बयान दे रही है. ये बयान उनके डर का प्रतीक है. जहां तक बात दिल्ली में आप (AAP) और कांग्रेस (Congress) के बीच सीट शेयरिंग का है, तो उसमें कांग्रेस प्रदेश यूनिट का कोई हस्तक्षेप नहीं है. पार्टी का आलाकमान जो निर्णय लेगा, हमें वही मान्य होगा. पार्टी शीर्ष नेतृत्व के फैसले पर हम अमल करेंगे.'
निजी तौर पर मेरी कोई राय
दिल्ली में लोकसभा चुनाव लड़ने को लेकर हमने अपनी राय आलाकमान को दे दी है. इस मसले पर अंतिम निर्णय लेने से पहले दिल्ली के लोगों को बुलाकर बातचीत होगी. दिल्ली कांग्रेस का अध्यक्ष बनने के बाद से निजी तौर पर मेरी कोई रय नहीं होनी चाहिए. इस मामले में हमारी कोई भूमिका नहीं है.
बदल रही है दिल्ली की हवा
लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस पार्टी दूसरे नंबर की पार्टी थी. सात में से पांच सीटों पर कांग्रेस ने बीजेपी को कड़ी टक्कर दी थी. ऐसे में आप के साथ गठबंधन का कांग्रेस को रिस्क लेना चाहिए या नहीं. इस पर अरविंदर सिंह का कहना है कि निश्चित तौर पर लोकसभा में कांग्रेस पार्टी बेहतर प्रदर्शन करती है. पार्टी को विधानसभा में भी बेहतर प्रदर्शन करना चाहिए. इंडिया गठबंधन अस्तित्व में आने के बाद से दिल्ली की हवा बदल रही है. ऐसा होना देश हित में जरूरी भी है. बता दें कि एक फिर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा है कि विधानसभा चुनाव भले ही सभी पार्टियां अलग-अलग लड़े, लेकिन लोकसभा चुनाव सभी को सत्ताधारी पार्टी खिलाफ मिलकर लड़ना चाहिए.